दिल्ली सरकार ने लोकनिर्माण विभाग(PWD) की योजनाओं के टेंडर प्रक्रिया में सुधार किया है. इस नई व्यवस्था के तहत, विभाग ने सख्ती से टेंडर प्रक्रिया को लागू करने का निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य गैर जिम्मेदार और सट्टेबाजी करने वाले ठेकेदारों पर अंकुश लगाना है. पारदर्शिता और समय पर कार्य पूरा करने को प्राथमिकता देते हुए, विभाग ने यह सुनिश्चित किया है कि सस्ते टेंडर और घटिया काम अब स्वीकार नहीं किए जाएंगे. पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा(Pravesh Vema) के अनुसार, यह कदम गुणवत्ता और समयबद्धता को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है.

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दिल्ली सरकार ने लोक निर्माण विभाग के माध्यम से इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को समय पर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा के अनुसार, विभाग ने हाल के महीनों में देखा है कि कुछ ठेकेदार केवल टेंडर प्राप्त करने के उद्देश्य से असामान्य रूप से कम दरें प्रस्तुत कर रहे हैं, जो कि विभाग द्वारा निर्धारित अनुमानित लागत से काफी कम हैं.

इस कारण से परियोजनाओं में देरी होती है और निर्माण के दौरान निम्न गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग किया जाता है. कई बार कार्य अधूरे छोड़ दिए जाते हैं, जिससे न केवल जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, बल्कि यह सरकारी खजाने पर भी अतिरिक्त बोझ डालता है.

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क्या बोले दिल्ली सरकार के मंत्री?

प्रवेश वर्मा ने बताया कि इन समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए सभी आगामी टेंडरों में अतिरिक्त प्रदर्शन गारंटी (APG) की अनिवार्यता लागू करने का निर्णय लिया गया है, जो विशेष रूप से असामान्य रूप से कम बोली लगाने वालों पर लागू होगी.

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क्यों किया गया बदलाव?

दिल्ली सरकार ने सड़कों, फ्लाईओवरों, सार्वजनिक भवनों और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के टेंडर प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किया है. सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि केवल वे ठेकेदार ही बोली लगाएं, जो तकनीकी और वित्तीय दृष्टि से सक्षम हों और जो अपने द्वारा प्रस्तुत दरों पर मानक के अनुसार कार्य करने की क्षमता रखते हों. पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे इस प्रावधान को सभी आगामी टेंडरों में शामिल करें. इसके साथ ही, नई प्रणाली के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए टेंडर मूल्यांकन समितियों के सदस्यों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने का भी निर्देश दिया गया है.