पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ 60 वर्ष पहले हुए सिंधु जल संधि को रोक दिया। पाकिस्तान भारत के इस कदम के बाद लगातार हर मंच पर अपना दुखड़ा रो रहा है। इधर भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान बड़ा झटका दिया है। केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के रामबन जिले में चिनाब नदी पर 1856 मेगावाट के सावलकोट हाइड्रो प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। इसके लिए इंटरनेशनल टेंडर निकाले गए हैं।
बता दें कि, सावलकोट हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट 40 साल पहले बनाया गया था। केंद्र सरकार का मानना है कि इस परियोजना की जरूरत नेशनल लेवल पर है। हालांकि पाकिस्तान की आपत्तियों और कई तरह की रुकावटों के कारण यह परियोजना अटकी हुई थी। यह आपत्ति सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान करता था और परियोजनाओं पर अड़ंगे लगा देता था।
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह परियोजना बगलीहार और सलाल जल परियोजनाओं के बीच बनेगी. इसके तहत 192.5 मीटर ऊंचा बांध बनाया जाएगा, जिसमें तीन सुरंगों से नदी के पानी की दिशा को मोड़ा जाएगा. इन सुरंगों की लंबाई 965 मीटर, 1130 मीटर और 1280 मीटर होगी.
भारत ने पाकिस्तान को कैसे दिया दोहरा झटका
भारत ने प्रोजेक्ट पर काम शुरू करते ही पाकिस्तान को संकेत दे दिया है कि अब किसी तरह की छूट नहीं मिलने वाली है. सरकार ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि स्थगित करने का फैसला किया था. पाकिस्तान ने कहा था कि अगर भारत ऐसा करता है तो यह युद्ध शुरू करने जैसा होगा, लेकिन भारत अब एक और कदम बढ़ा चुका है. भारत के हाइड्रो प्रोजेक्ट की वजह से पाकिस्तान में जल प्रवाह प्रभावित हो सकता है.
ये मुद्दे भी
सावलकोट हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के लिए कई काम होने थे। 13 गांवों के लोगों को मुआवजा दिया जाना। रामबन में सेना के ट्रांजिट कैंप को स्थांतरित करना और पर्यावरण नियमों के तहत वन भूमि को मंजूरी देने। मुआवजा देने जैसे कई मुद्दे थे।
भारत को कैसे मिलेगा फायदा
अहम बात यह भी है कि भारत के इस हाइड्रो प्रोजेक्ट से क्षेत्रीय विकास को लेकर काफी मदद मिलेगी. यह प्रोजेक्ट जम्मू से करीब 120 किलोमीटर और श्रीनगर से करीब 130 किलोमीटर की दूरी पर है. यह भारत के वॉटर स्ट्रेटजी में नई जान फूंक सकता है.
बता दें कि सावलकोट में 1856 मेगावाट की परियोजना के साथ-साथ जम्मू कश्मीर की कुल छह परियोजनाओं के पूरा हो जाने पर 10,000 मेगावाट तक बिजली पैदा हो सकेगी. इसके साथ ही मैदानी इलाकों में सिंचाई और घरेलू खपत के लिए अधिक पानी मिल सकेगा. नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन (NHPC) ने बुधवार को इस बिजली परियोजना के लिए टेंडर प्रॉसेस शुरू कर दिया है। यह प्रोजेक्ट जम्मू- कश्मीर के रामबन जिले के सिधु गांव के पास बनना है।
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