शिखिल ब्यौहार, भोपाल। बहुचर्चित मालेगांव बम ब्लास्ट केस में 17 साल बाद फैसला आया। कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सभी सातों आरोपियों को बरी कर दिया है। इसे लेकर राजधानी भोपाल में पूर्व सीएम उमा भारती के बंगले पर जश्न मनाया गया। एक दूसरे को मिठाइयां बांटी गई और जमकर आतिशबाजी हुई। वहीं फैसले के बाद सियासी गलियारों से प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी है। बीजेपी और कांग्रेस नेताओं के बीच जुबानी जंग शुरू हो गई है।

पूर्व सीएम उमा भारती ने कही ये बात

भोपाल में पूर्व सीएम व भाजपा की फायर ब्रांड नेता उमा भारती के बंगले पर जश्न मनाया गया है। मिठाइयां बांटकर जमकर आतिशबाजी की गई। उमा भारती ने कहा प्रज्ञा ठाकुर को दुर्गा बताया और कहा कि जितना शारीरिक टॉर्चर झेला उसका अभिनंदन करूंगी। महिलाएं इतना टॉर्चर नहीं झेल सकती, जितना प्रज्ञा ने झेला है। पूर्व सीएम ने यह भी कहा कि जब वह प्रज्ञा ठाकुर से मिलने गई तो उसने बताया था कि हिंदू समाज और भगवा रंग को इकट्ठा करने के लिए उनके अंदर डर पैदा करना चाहते थे। डर पैदा करने के लिए इस्लामिक फंडामेंटलिज्म के जवाब में इन्होंने हिंदू फंडामेंटलिज्म को क्रिएट करने की कोशिश की और उसको भगवा आतंकवाद का नाम दिया। उमा ने कहा कि उनको पता नहीं था कि नरेंद्र मोदी है और जो इन सबको ठिकाने पर लगा देंगे।

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हमने कभी किसी धर्म से आतंकवाद को नहीं जोड़ा- कांग्रेस

वहीं इस पर सियासत भी तेज हो गई है। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि NIA कोर्ट फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देनी चाहिए। अहमदाबाद मामले में जैसे सरकार सुप्रीम कोर्ट गई वैसे इसमें भी जाना चाहिए। हमने कभी किसी धर्म से आतंकवाद को नहीं जोड़ा। पूर्व मंत्री सचिन यादव ने कहा कि कोर्ट के फैसले पर कुछ नहीं बोलना चाहिए। मंत्री राकेश सिंह के हिंदू आतंकवाद और साजिश के बयान पर कहा कि बात पुरानी और मुझे नहीं पता कि उन्होंने क्या कहा है।

बीजेपी बोली- घिनौने शब्द से हिंदू को जोड़ने वालों के मुंह पर लगा ताला

PWD मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि हिंदू को बदनाम करने बड़ा षड्यंत्र किया गया था। हिंदू को आतंकवाद से जोड़ा गया। यह साजिश आज नाकाम हुई। मालेगांव मामले में सभी को दोषमुक्त किया गया। हिंदू और सनातन के खिलाफ माहौल बनाया गया था। आतंक जैसे घिनौने शब्द से हिंदू को जोड़ने वालों के आज मुंह पर ताले लग है। एमपी के संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र लोधी ने कहा कि कांग्रेस का षड्यंत्र था सनातन और हिंदू को बदनाम करना। मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए साजिश की गई थी। इस साजिश के पीछे कांग्रेस के कई दिग्गज नेता थे। आज सच, सनातन और हिंदू की जीत हुई। कांग्रेस और कांग्रेस की साजिश और झूठ हार गया।

भोपाल में जश्न की तस्वीरें

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बीजेपी मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने एक्स (X) पर पोस्ट कर लिखा- “सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं होता!” 17 वर्षों बाद न्याय की विजय! 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपी निष्पाप सिद्ध हुए।

क्या था पूरा मामला

गौरतलब है कि 29 सितंबर 2008 में रमजान के महीने में महाराष्ट्र के मालेगांव शहर में मस्जिद के पास एक बड़ा बम धमाका हुआ था। जिसमें 6 लोगों की जान चली गई थी। वहीं 100 से ज्यादा घायल हुए थे। ब्लास्ट इतना जबरदस्त था कि आसपास के कई मकान और दुकानें भी क्षतिग्रस्त हो गई थीं। इसके तुरंत बाद महाराष्ट्र एटीएस ने जांच शुरू की। इस मामले में कई गिरफ्तारियां हुईं थी। मालेगांव ब्लास्ट के मुख्य आरोपियों में भोपाल से बीजेपी सांसद रहीं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और भारतीय सेना के सेवारत अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित का नाम प्रमुख था।

पीड़ितों को मुआजवा देने का आदेश

इनके अलावा रमेश शिवाजी उपाध्याय (रिटायर मेजर), समीर शरद कुलकर्णी, अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी और सुधाकर चतुर्वेदी को भी आरोपी बनाया गया था। 17 साल बाद गुरुवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत ने सभी सातों आरोपियों को बरी कर दिया है। इसके साथ ही विस्फोट के सभी छह पीड़ितों के परिवारों को 2-2 लाख रुपए और सभी घायल पीड़ितों को 50,000 रुपए मुआवजे के रूप में दिए जाने का आदेश​​ दिया है।

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