मोगा : पंजाब के मोगा जिले की महिला पुलिस इंस्पेक्टर अरशप्रीत कौर ग्रेवाल को अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। नौ महीने पहले पुलिस विभाग ने उन्हें निलंबित कर दिया था। अरशप्रीत कौर पर कोट ईसे खां पुलिस स्टेशन में SHO के रूप में तैनात रहते हुए 5 लाख रुपये की रिश्वत लेकर नशा तस्करों को छोड़ने का आरोप था।

जांच में खुलासा, रिश्वत लेकर तस्करों को छोड़ा

पुलिस सूत्रों के अनुसार, 1 अक्टूबर 2024 को मुखबिर की सूचना पर कोट ईसे खां पुलिस ने अमरजीत सिंह को एक स्कॉर्पियो कार और 2 किलो अफीम के साथ गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के समय अमरजीत का भाई मनप्रीत सिंह और भतीजा गुरप्रीत सिंह भी मौजूद थे, जिनके पास 3 किलो अफीम बरामद हुई थी। आरोप है कि इंस्पेक्टर अरशप्रीत कौर ने थाने के क्लर्क गुरप्रीत सिंह और बलखंडी थाने के क्लर्क राजपाल सिंह के साथ मिलकर अमरजीत के भाई और भतीजे को 5 लाख रुपये की रिश्वत लेकर रिहा कर दिया था।

डीएसपी की जांच में इस मामले का खुलासा हुआ, जिसके बाद 23 अक्टूबर 2024 को अरशप्रीत कौर के खिलाफ कोट ईसे खां थाने में धारा 209 के तहत मामला दर्ज किया गया।

अदालत में पेश नहीं हुईं, भगोड़ा घोषित

मामला दर्ज होने के नौ महीने बाद भी अरशप्रीत कौर अदालत में पेश नहीं हुईं। उनकी अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज हो चुकी है। इसके चलते अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, निलंबित महिला पुलिस अधिकारी मामले के बाद से फरार हैं। यह मामला पंजाब पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है और नशा तस्करी के खिलाफ चल रही मुहिम में रिश्वतखोरी जैसे आरोपों से सरकार की सख्ती पर भी चर्चा तेज हो गई है।