Rajasthan News: राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश कल्पथी राजेंद्रन श्रीराम ने दौसा में नवनिर्मित न्यायालय भवन के लोकार्पण समारोह में स्कूल भवनों के गिरने और बच्चों की मौत की घटनाओं पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसी भी निर्माण कार्य को गुणवत्ता और लगन के साथ करना चाहिए, ताकि भवन लंबे समय तक सुरक्षित रहें।

मुख्य न्यायाधीश ने अपने संबोधन में कहा, “मुझे अत्यंत दुख होता है जब मैं अखबारों में पढ़ता हूं और टीवी पर देखता हूं कि स्कूलों की बिल्डिंगें गिर जाती हैं और बच्चों की जान चली जाती है।” उन्होंने उम्मीद जताई कि दौसा का नया न्यायालय भवन कम से कम 50 साल तक चलेगा और हर काम में शिद्दत बरती जानी चाहिए।
यह भवन 834 लाख रुपये की लागत से तैयार हुआ है, जिसका लोकार्पण मुख्य न्यायाधीश ने किया। यह उनका दौसा का पहला दौरा था, जहां पुलिस जवानों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश हुकुम सिंह राजपुरोहित ने बताया कि भवन में आधुनिक सुविधाओं से युक्त न्यायालय कक्ष, दिव्यांगजनों और वृद्धों के लिए रैंप-लिफ्ट, स्वच्छ शीतल जल और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष बनाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि यह विस्तार न केवल न्यायालय संचालन को व्यवस्थित करेगा, बल्कि वादियों को शीघ्र और सुलभ न्याय भी दिलाएगा।राजपुरोहित ने इसे दौसा को राजस्थान के प्रमुख न्यायिक जिलों में स्थान दिलाने वाला कदम बताते हुए कहा कि अपनी ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान के साथ अब दौसा आधुनिक न्यायिक केंद्र के रूप में भी जाना जाएगा। यह पहल ‘सबके लिए न्याय, समय पर न्याय’ के संकल्प को साकार करने में मददगार होगी।
समारोह में मुख्य न्यायाधीश के साथ प्रशासनिक न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा, न्यायाधीश समीर जैन, जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार, एसपी सागर राणा सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश ने पौधारोपण भी किया और अतिथियों का साफा-पौधा देकर सम्मान किया गया।
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