दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव(Devendra Yadav) ने दिल्ली नगर निगम (MCD)के 1500 से अधिक प्राथमिक स्कूलों की दयनीय स्थिति को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने इस मुद्दे पर उपराज्यपाल विनय सक्सेना(Vianay Saxena) और मेयर राजा इकबाल सिंह(Raja Ekbal Singh) को पत्र लिखा. उन्होंने पत्र के माध्यम से निगम स्कूलों की जर्जर स्थिति को सुधारने के लिए तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि मासूम बच्चों की जिंदगी को बचाया जा सके.
पत्र में उल्लेख किया गया कि 30-50 साल पुराने भवनों में चल रहे 1500 में से 1185 स्कूलों में लगभग 7.8 लाख छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जिनका जीवन संकट में है. देवेंद्र यादव ने 16 जुलाई को स्थाई समिति की बैठक में स्कूलों की खराब हालत और भवनों में पानी भरने की समस्या को उठाया, लेकिन इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया.
उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगम क्या राजस्थान के झालावाड़ जिला के पीपलोदी गांव के स्कूल हादसे जैसी घटना का इंतजार कर रहा है, जहां स्कूल की छत गिरने पर 7 बच्चों की मौत हो गई.
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स्कूलों में रख-रखाव और मरम्मत की जरूरत
देवेंद्र यादव ने बताया कि इस वर्ष निगम स्कूलों के लिए 1693 करोड़ रुपये से अधिक का बजट निर्धारित किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 48.2 करोड़ रुपये अधिक है. हालांकि, दिल्ली नगर निगम के 1185 स्कूलों में से 368 स्कूलों की स्थिति अत्यंत खराब है, और अन्य स्कूलों को भी उचित रख-रखाव और मरम्मत की आवश्यकता है. उन्होंने सवाल उठाया कि निगम के 12 जोनों में से किसी भी स्कूल के भवन की मरम्मत के लिए अब तक कोई कार्य क्यों नहीं किया गया है, जबकि पहाड़गंज जोन के 75 स्कूलों में से 26 और करोल बाग जोन के 69 स्कूलों में से 23 भवन जर्जर स्थिति में हैं.
उन्होंने बताया कि केशव पुरम क्षेत्र के 89 स्कूलों में से 35 भवन जर्जर स्थिति में हैं. इसी प्रकार, शाहदरा साउथ जोन के 127 स्कूलों में 33 भवन, शाहदरा नॉर्थ जोन के 103 स्कूलों में 14 भवन, रोहिणी जोन के 80 स्कूलों में 23 भवन और नजफगढ़ जोन के 110 स्कूलों में 36 भवन जर्जर हैं.
नरेला जोन के 145 स्कूलों में से 26 भवन जर्जर स्थिति में हैं, जबकि सिविल लाइंस जोन के 71 स्कूलों में 9 भवन इसी प्रकार की स्थिति का सामना कर रहे हैं. सेंट्रल जोन के 94 स्कूलों में 53 भवन जर्जर हैं, और साउथ जोन के 120 स्कूलों में 59 भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं. वेस्ट जोन के 102 स्कूलों में 31 भवन भी गंभीर रूप से जर्जर हैं.
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30 प्रतिशत स्कूल खतरनाक हैं
देवेंद्र यादव ने बताया कि राजधानी के नंद नगरी, लामपुर, नरेला, सनौठ गांव, मंगोलपुरी, मेहराम नगर, गोकुलपुर गांव, कूंचा पंडित और नांगलोई के स्कूलों की खस्ता हालत और अग्नि सुरक्षा के अभाव की जानकारी मीडिया में आने के बावजूद कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. उन्होंने कहा कि लगभग 30 प्रतिशत स्कूल अत्यंत खतरनाक स्थिति में हैं और गिरने के कगार पर हैं, फिर भी इनका संचालन जारी है. इस पर दिल्ली नगर निगम को तुरंत कार्रवाई करने की आवश्यकता है.
स्कूल की दीवार गिरने से कई वाहन क्षतिग्रस्त
देवेंद्र यादव ने बताया कि निगम स्कूल की बिल्डिंग गिरने की घटनाएं हर वर्ष होती हैं. इस वर्ष 17 मई को मोतिया खान चौक के निकट हरि मंदिर स्कूल की दीवार गिरने से 5 कारें क्षतिग्रस्त हुईं. इसके बाद, 10 अगस्त 2024 को डिचांऊ क्षेत्र में भारी बारिश के कारण निगम स्कूल की दीवार गिरने से 2 लोग घायल हो गए. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि 12 अगस्त 2024 को अशोक नगर के सरकारी स्कूल की दीवार गिरने से कई वाहन प्रभावित हुए. इसके अतिरिक्त, 23 सितंबर 2023 को पूर्वी दिल्ली के दिलशाद गार्डन क्षेत्र में बारिश के दौरान स्कूल की दीवार गिरने से 11 वाहनों को नुकसान पहुंचा.
देवेंद्र यादव ने और क्या कहा?
उन्होंने कहा कि यह पत्र दिल्लीवासियों के कल्याण और सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. दिल्ली नगर निगम में 15 वर्षों तक बीजेपी का शासन रहा, इसके बाद पिछले 3 वर्षों में AAP ने सत्ता संभाली, और अब निगम फिर से बीजेपी के नियंत्रण में है. हालांकि, निगम के स्कूलों की स्थिति में सुधार लाने में बीजेपी और AAP, दोनों ही, पुनरुद्धार और प्रबंधन के मामले में असफल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि यह पत्र दिल्लीवासियों के कल्याण और सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. दिल्ली नगर निगम में 15 वर्षों तक बीजेपी का शासन रहा, इसके बाद पिछले 3 वर्षों में AAP ने सत्ता संभाली, और अब निगम फिर से बीजेपी के नियंत्रण में है. हालांकि, निगम के स्कूलों की स्थिति में सुधार लाने में बीजेपी और AAP, दोनों ही, पुनरुद्धार और प्रबंधन के मामले में असफल रहे हैं.
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