विकास कुमार/ सहरसा। नगर निगम क्षेत्र के गांधीपथ वार्ड संख्या 39 में बारिश के बाद स्थिति बेहद खराब हो गई है। पूरे इलाके में गंदे नाले और भारी जलजमाव की वजह से आम जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। हालात ऐसे हैं कि लोग अपने ही घरों में कैद होकर रह गए हैं और बाहर निकलने के लिए बांस की सीढ़ियों का सहारा ले रहे हैं।
जिंदगी बनी नारकीय
स्थानीय निवासियों ने बताया कि यह समस्या कोई नई नहीं है। वर्षों से यहां जलनिकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण गंदे नाले का पानी घरों तक घुस आता है। लेकिन इस बार की बारिश ने स्थिति और भी भयावह बना दी है। पानी का स्तर इतना बढ़ गया है कि सैकड़ों घरों में रहने वाले लोग अब संक्रामक बीमारियों, सांप-बिच्छुओं और बदबूदार माहौल के बीच जीवन बिताने को मजबूर हैं।
सीढ़ियों से निकलना पड़ रहा बाहर
इलाके के लोगों को घरों से निकलने के लिए बांस की सीढ़ियों या ऊंचे लकड़ी के तख्तों का सहारा लेना पड़ रहा है। बच्चों और बुजुर्गों को बाहर निकालना खासा जोखिम भरा हो गया है। स्थानीय महिलाओं ने बताया कि घर के भीतर ही नालियों का गंदा पानी भर गया है जिससे खाना बनाना, साफ-सफाई और दैनिक क्रियाएं तक मुश्किल हो गई हैं।
व्यवस्था पर उठे सवाल
हालांकि नगर निगम की ओर से जलनिकासी के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकल पाया है। पंपिंग सेट लगाए गए हैं और कुछ स्थानों पर नालों की सफाई भी की जा रही है, परंतु पानी का बहाव इतना धीमा है कि राहत नहीं मिल रही।
स्थानीय लोगों की गुहार
स्थानीय नागरिकों ने नगर निगम प्रशासन और जिला प्रशासन से अपील की है कि जल्द से जल्द प्रभावी जलनिकासी की व्यवस्था कर उन्हें इस नारकीय जीवन से मुक्ति दिलाई जाए। साथ ही वे मांग कर रहे हैं कि वार्ड नंबर 39 को स्थायी जलजमाव से बचाने के लिए दीर्घकालिक योजना बनाई जाए।
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