कुंदन कुमार/ पटना। चुनाव आयोग ने बिहार में चल रहे विशेष मतदाता गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत महत्वपूर्ण आंकड़े जारी किए हैं। आयोग के अनुसार, राज्य में 22.34 लाख मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है, जबकि 36 लाख 28 हजार मतदाता स्थायी रूप से दूसरे स्थानों पर शिफ्ट हो गए हैं या उनका कोई अता-पता नहीं है। इसके अलावा 7 लाख 1 हजार मतदाता ऐसे भी मिले हैं जो एक से अधिक स्थानों पर इनरोल पाए गए हैं।

वालंटियर्स की सक्रिय भूमिका

इस प्रक्रिया में राज्य के 38 जिला निर्वाचन पदाधिकारी 243 निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी 2976 सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी और 77,895 बीएलओ एवं वालंटियर्स की सक्रिय भूमिका रही। आयोग ने बताया कि 25 जुलाई तक कुल 1.6 लाख से अधिक बीएलओ को नियुक्त किया गया था।

भ्रम की स्थिति न रहे

18-19 जुलाई को राजनीतिक दलों के साथ बैठकें की गईं। इसके बाद 20-21 जुलाई को मतदान केंद्रवार बीएलओ और बीएलए की बैठकें आयोजित की गईं जिनमें ऐसे मतदाताओं की सूची साझा की गई जिनसे गणना प्रपत्र प्राप्त नहीं हुए थे। उद्देश्य था कि किसी भी प्रकार की भ्रम की स्थिति न रहे।

घर-घर सर्वेक्षण किया

बीएलओ द्वारा घर-घर सर्वेक्षण कर मृत, स्थानांतरित एवं दोहरे पंजीकरण वाले मतदाताओं को चिन्हित किया गया। आयोग ने बताया कि सर्वेक्षण के दौरान बीएलओ को कई ऐसे मतदाता नहीं मिले जिनके फॉर्म वापस नहीं आए। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कि वे अब अन्य राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में मतदाता बन गए हों उनका अस्तित्व न हो, या वे अब मतदाता के रूप में पंजीकरण नहीं चाहते हों। ऐसे नामों को प्रारूप मतदाता सूची में शामिल नहीं किया गया है।

आपत्ति दर्ज की जा सकती है

चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी योग्य मतदाता का नाम सूची में दर्ज नहीं है, या कोई अपात्र व्यक्ति सूची में है या सूची में किसी प्रकार का सुधार आवश्यक है तो 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 के बीच दावा और आपत्ति दर्ज की जा सकती है। इसके लिए ऑनलाइन, ऑफलाइन या संबंधित प्रखंड/शहरी निकाय कार्यालयों में विशेष कैंप (2 अगस्त से 1 सितंबर तक) आयोजित होंगे।

आवेदन कर सकते हैं

इसके अतिरिक्त, एक अक्टूबर 2025 तक 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले युवा मतदाता भी फॉर्म-6 और जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की जांच के बाद संबंधित अधिकारी द्वारा नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

राहुल झूठ बोलने का ले लिया ठेका

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार में मतदाता सूची के मुद्दे पर महागठबंधन की पदयात्रा और रैली पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने राज्य को बदनाम किया अब वही वोटर लिस्ट पर सवाल उठा रहे हैं। गिरिराज सिंह ने तंज कसते हुए कहा चोर अगर चोरी के खिलाफ बोलेगा तो कौन विश्वास करेगा? उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता ने एनडीए की सरकार को वापस लाने का मन बना लिया है। राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि उन्होंने पहले महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट को लेकर सबूत होने की बात कही थी, लेकिन आज तक वह चुनाव आयोग को कोई प्रमाण नहीं दे पाए। गिरिराज सिंह ने राहुल गांधी पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि लगता है उन्होंने झूठ बोलने का ठेका ले लिया है।