रायपुर। अब छत्तीसगढ़ के नागरिक तय समय सीमा में जरूरी भूमि दस्तावेज प्राप्त कर सकेंगे, वह भी बिना किसी अनावश्यक देरी और परेशान हुए। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2011 के तहत अधिसूचना जारी की है, जो भूमि संबंधी दस्तावेजों की नकल पाने की प्रक्रिया को पारदर्शी, सरल और समयबद्ध बनाएगी।

अब भूमि दस्तावेजों की नकल जैसे खसरा, खतौनी, नक्शा, नामांतरण पंजी, अधिकार अभिलेख (बी-1), चकबंदी रिकॉर्ड, मिसल / राजस्व प्रकरण आदि तय समय सीमा में प्राप्त की जा सकेगी। सामान्य सेवा में समय सीमा 07 दिन रहेगा, सेवा प्रदायक अधिकारी नायब तहसीलदार, तहसीलदार व अतिरिक्त तहसीलदार होंगे, जबकि सक्षम प्राधिकारी तहसीलदार और अपील अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), अंतिम स्तर पर कलेक्टर होंगे।

तत्काल सेवा की समय सीमा कार्य दिवस तीन दिन रहेगा। सेवा प्रदायक अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), सक्षम प्राधिकारी कलेक्टर होंगे जबकि अपील अधिकारी संभागायुक्त होंगे। जिला कलेक्टर कार्यालय से भी भूमि दस्तावेजों की नकल प्राप्त की जा सकती है। सामान्य सेवा में 7 दिन और तत्काल में निर्धारित कार्यदिवस में दस्तावेज प्रदान किए जाएंगे। इसी तरह सेवा के लिए प्रभारी अधिकारी(नकल शाखा) जिम्मेदार होंगे।

सेवा प्राप्त करने के लिए जरूरी दस्तावेज

  1. आवेदन पत्र, जिसमें 5 रुपये का टिकट चिपकाया गया हो।
  2. संबंधित भूमि का पूरा विवरण (खसरा, नक्शा, बी-1 आदि)।
  3. निर्धारित विधिक शुल्क।
  4. तत्काल सेवा के लिए अलग से निर्धारित अतिरिक्त शुल्क।

पहले आवेदकों को महीनों इंतजार करना पड़ता था, अब समयबद्ध सेवा सुनिश्चित की गई है। जिम्मेदार अधिकारियों की स्पष्ट रूपरेखा तय की गई है, जिससे जवाबदेही सुनिश्चित हो सके। लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत अब इन सेवाओं में भी पारदर्शिता आएगी।

यह अधिसूचना 28 जुलाई 2025 से पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में लागू है। इसे छत्तीसगढ़ राजपत्र (असाधारण) में प्रकाशित किया गया है। इससे पहले की सभी अधिसूचनाएं इस विषय में अधिक्रमित मानी जाएगी। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल न केवल नागरिक सेवाओं को बेहतर बनाएगी, बल्कि राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और सुशासन को भी बढ़ावा देगी। अब राज्य के नागरिक तय समयसीमा में जरूरी भूमि दस्तावेज प्राप्त कर सकेंगे, वह भी बिना किसी अनावश्यक देरी और परेशान हुए।