सुमन शर्मा/कटिहार। जिले में गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर ने एक बार फिर बड़ी तबाही मचाई है। मनिहारी प्रखंड के धुरियाही पंचायत स्थित बुढ़िया टिक्कर गांव में गंगा का तेज कटाव दर्जनों घरों को निगल चुका है। गांव के लोग अब अपने ही हाथों से घर तोड़ने को मजबूर हैं ताकि सामान बचाया जा सके। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि ग्रामीणों को सड़क किनारे, खुले आसमान के नीचे रहना पड़ रहा है, लेकिन प्रशासन की ओर से अब तक कोई ठोस पहल नहीं हुई है।

प्रशासन और जनप्रतिनिधि लापता

ग्रामीणों का आरोप है कि बार-बार स्थानीय प्रशासन, जनप्रतिनिधियों और जल संसाधन विभाग से गुहार लगाने के बावजूद कोई मदद नहीं मिल रही। पीड़ित परिवारों में प्रदीप, संतोष, बबलू, सुलोचना जैसे दर्जनों नाम हैं, जिनके घर अब सिर्फ मलबे में तब्दील हो चुके हैं। पंचायत सचिव हरदेव मंडल और पैक्स अध्यक्ष विनोद यादव ने भी हालात की गंभीरता को स्वीकार किया है।

न राहत, न पॉलिथिन खाली वादे

कटाव से प्रभावित लोगों को न तो अब तक कोई पॉलिथिन उपलब्ध कराई गई है और न ही कोई राहत सामग्री पहुंचाई गई है। मुखिया राजकुमार मंडल ने भी माना कि यह त्रासदी हर साल होती है, लेकिन सरकार हर बार चुपचाप तमाशा देखती रहती है।

सरकार और तंत्र पर उठ रहे सवाल

ग्रामीणों का कहना है कि अब सवाल यह है क्या सरकार तब जागेगी जब पूरा गांव गंगा में समा जाएगा? हर साल की तरह इस बार भी प्रशासन की उदासीनता और तंत्र की विफलता सामने आ चुकी है।

स्थानीय लोगों की मांग

प्रभावित लोगों ने सरकार से तत्काल राहत शिविर, अस्थायी आवास, पॉलिथिन और खाद्य सामग्री मुहैया कराने की मांग की है। इसके साथ ही कटाव रोकने के लिए स्थायी समाधान की भी अपील की जा रही है।