लखनऊ। उत्तर प्रदेश के आयुष विभाग में बड़ा विवाद निकल कर सामने आया है। जहां, राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, मुरादाबाद के प्राचार्य डॉ. प्रमोद कुमार सिंह को कार्यवाहक निदेशक बनाया गया है जबकि वे मात्र 1 साल से प्रधानाचार्य के पद पर हैं। विभागीय नियम के अनुसार, निदेशक बनने के लिए कम से कम दो वर्ष का कार्यकाल जरूरी होता है।
प्रमोद सिंह को निदेशक बनाने पर विवाद
वरिष्ठता को ठेंगा दिखाते हुए सिर्फ़ एक साल सेवा वाले प्रमोद सिंह को कार्यवाहक निदेशक बनाने के फैसले ने नए विवाद को जन्म दे दिया है। विभाग के अंदर ही दबे शब्दों में इसकी जमकर आलोचना हो रही है। वरिष्ठता सूची में डॉ. हेमलता सहित कई अधिकारी मौजूद है। जिनकी सेवा अवधि 20 साल से अधिक है। ऐसे में इस फैसले ने उत्तर प्रदेश आयुष विभाग को एक नए विवाद में धकेल दिया है।

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बता दें कि बीते महीने होम्योपैथी विभाग में तबादला किया गया था। जिसमें भारी अनियमितता के आरोप लगाए गए थे। जिसकी खूब चर्चा हुई थी। जिसके बाद आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र एक्शन मोड पर नजर आएं। मामला ऐसा तुल पकड़ा कि मंत्री ने मामले को लेकर मुख्यमंत्री योगी से भी मुलाकात की थी। जिसकी तफ्तीश होने पर गड़बड़ी पाई गई और निदेशक को निलंबित कर दिया। जिसके बाद विभाग ने अब डॉ. प्रमोद कुमार सिंह को कार्यवाहक निदेशक बनाया है।
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