GST Collection July 2025: देश में जुलाई 2025 का महीना सरकार के लिए राजस्व के लिहाज़ से खास रहा. 1 अगस्त को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक केंद्र सरकार ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के जरिए ₹1.96 लाख करोड़ की वसूली की. यह पिछले साल जुलाई 2024 के मुकाबले 7.5% ज्यादा है, जब सरकार ने ₹1.82 लाख करोड़ जुटाए थे.
लेकिन असली हैरानी इस बात की है कि जून 2025 की तुलना में यह आंकड़ा ₹11 हजार करोड़ ज्यादा है. जून में कुल कलेक्शन ₹1.85 लाख करोड़ रहा था. यही नहीं, इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल में ₹2.37 लाख करोड़ और मई में ₹2.01 लाख करोड़ की उगाही हुई थी. ये सभी आंकड़े बताते हैं कि टैक्स वसूली में लगातार उछाल जारी है.
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पांच साल में दोगुना टैक्स, क्या ये नई इकोनॉमिक तस्वीर है? (GST Collection July 2025)
2020-21 में GST कलेक्शन ₹11.37 लाख करोड़ था. पांच साल बाद, यानी 2024-25 में ये बढ़कर ₹22.08 लाख करोड़ तक पहुंच चुका है. यानी केवल पांच वर्षों में टैक्स संग्रह दोगुना हो गया.
इस दौरान हर महीने औसत कलेक्शन ₹1.84 लाख करोड़ रहा, जो 2020-21 में सिर्फ ₹95,000 करोड़ था. यह उछाल केवल नंबर्स नहीं हैं, ये देश की बदलती टैक्स कंप्लायंस आदतों, डिजिटलीकरण और कड़े प्रशासनिक सुधारों की तस्वीर भी पेश करते हैं.
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टैक्सपेयर्स की संख्या में बूम: 65 लाख से 1.5 करोड़ के पार
जब GST 2017 में लागू हुआ था, तब सिर्फ 65 लाख रजिस्टर्ड टैक्सपेयर्स थे. आज ये संख्या 1.51 करोड़ को पार कर चुकी है. सरकार का दावा है कि GST लागू होने के बाद से टैक्स बेस में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है, जिससे राजस्व को मजबूती मिली है और टैक्स सिस्टम अधिक पारदर्शी और सरल हुआ है.
अप्रैल 2025 बना टैक्स कलेक्शन का रिकॉर्ड महीना (GST Collection July 2025)
सरकार ने अप्रैल 2025 में ₹2.37 लाख करोड़ का GST कलेक्शन दर्ज किया – ये अब तक का सबसे बड़ा मासिक कलेक्शन है. इससे पहले अप्रैल 2024 में ₹2.10 लाख करोड़ का रिकॉर्ड बना था. ये बढ़ोत्तरी न केवल कारोबारियों की सक्रियता, बल्कि टैक्स चुकाने में उनकी तत्परता को भी दर्शाती है.
KPMG इंडिया के टैक्स हेड अभिषेक जैन ने भी कहा कि लगातार ऊंचा कलेक्शन देश की मजबूत घरेलू मांग और उद्योगों की स्थिरता का संकेत देता है.
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GST की बुनियाद: टैक्स सिस्टम की चार परतें (GST Collection July 2025)
GST को कुल चार हिस्सों में बांटा गया है, जिनमें हर लेन-देन पर सरकार को अलग-अलग हिस्सेदारी मिलती है:
टैक्स प्रकार | जिम्मेदार इकाई |
---|---|
CGST | केंद्र सरकार |
SGST | राज्य सरकार |
IGST | अंतरराज्यीय लेनदेन, केंद्र और राज्य मिलकर |
उपकर (Cess) | स्पेसिफिक गुड्स पर अतिरिक्त शुल्क |
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GST क्यों बना इकोनॉमी का थर्मामीटर? (GST Collection July 2025)
GST कलेक्शन केवल राजस्व नहीं दर्शाता, यह देश की आर्थिक सेहत (economic health) का भी सूचक है.
जब GST कलेक्शन बढ़ता है, तो इसका मतलब होता है कि उपभोग बढ़ा है,
उद्योगों में उत्पादन बढ़ा है, और टैक्स चुकाने वालों की भागीदारी मजबूत हुई है.
बिजनेसेज़ द्वारा मार्च में वर्षांत के लेन-देन क्लियर करने के चलते अप्रैल में कलेक्शन का उछाल सामान्य है, पर लगातार चार महीनों तक हाई कलेक्शन दर्शाता है कि देश में अर्थव्यवस्था का इंजन फिर रफ्तार पकड़ चुका है.
जुलाई 2025 GST कलेक्शन डेटा (संक्षेप में):
- GST कलेक्शन: ₹1.96 लाख करोड़
- सालाना वृद्धि: 7.5%
- अप्रैल 2025 में रिकॉर्ड: ₹2.37 लाख करोड़
- 5 साल में दोगुनी वसूली: ₹11.37 लाख Cr (2020-21) ➝ ₹22.08 लाख Cr (2024-25)
- टैक्सपेयर्स की संख्या: 65 लाख ➝ 1.51 करोड़
- GST स्लैब: 5%, 12%, 18%, 28%
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