India Russia Deal 2025: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक बयान ने अचानक भारत-रूस तेल व्यापार को सुर्खियों में ला दिया. उन्होंने दावा किया कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीद रहा. लेकिन यह बयान आते ही भारत सरकार के सूत्रों ने इसका तुरंत खंडन कर दिया.

सूत्रों ने साफ कहा – “भारत अब भी रूस से कच्चा तेल खरीद रहा है.” और इसके पीछे सिर्फ रणनीतिक नहीं, बल्कि आर्थिक और वैश्विक ऊर्जा जरूरतों से जुड़ी ठोस वजहें हैं.

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India Russia Deal 2025

India Russia Deal 2025

भारत ने क्यों नहीं छोड़ा रूस से तेल खरीदना? (India Russia Deal 2025)

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है और 85% से अधिक तेल आयात करता है.
ऐसे में किसी भी एक देश से खरीद बंद कर देना, खासकर जब कीमतें अनुकूल हों, आर्थिक रूप से समझदारी नहीं मानी जाती.

भारत के सरकारी सूत्रों के मुताबिक रूस अभी भी एक प्रमुख सप्लायर है, खासकर डिस्काउंटेड क्रूड के लिए.

तेल खरीद का फैसला होता है:

  • प्राइस
  • क्वालिटी
  • लॉजिस्टिक सपोर्ट
  • स्टोरेज और सप्लाई चेन

भारत लाभ को ध्यान में रखते हुए रूस से अभी भी तेल ले रहा है.

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रूस क्यों बना भारत का फेवरेट सप्लायर?

  • रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है.
  • रोजाना 95 लाख बैरल कच्चा तेल बनाता है.
  • उसमें से 45 लाख बैरल रोजाना दुनिया भर को एक्सपोर्ट करता है.
  • 2022 से रूस भारत को डिस्काउंट पर क्रूड ऑयल बेच रहा है, जो ब्रेंट प्राइस से काफी सस्ता होता है.
  • मार्च 2022 में जब तेल की कीमत 137 डॉलर/बैरल तक पहुंची, तब भारत ने अपनी पॉलिसी में लचीलापन दिखाया और रूस से सस्ते दामों पर खरीदारी शुरू की.

डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा था? (India Russia Deal 2025)

शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा: “मुझे सुनने को मिला है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा. ये अगर सच है तो यह एक अच्छा कदम है.”
हालांकि, उन्होंने खुद ही यह भी जोड़ा कि “मुझे यह पक्के तौर पर नहीं पता.”

ट्रंप ने भारत पर यह भी कहा कि उसे टैरिफ के साथ-साथ एक्स्ट्रा पेनाल्टी भी देनी चाहिए – यह इशारा शायद भारत-रूस के बढ़ते रक्षा और ऊर्जा व्यापार की तरफ था.

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भारत का आधिकारिक बयान क्या आया? (India Russia Deal 2025)

जब यह मुद्दा सामने आया तो भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जैसवाल से इस पर सवाल पूछा गया. उनका जवाब:

“भारत कहां से क्रूड ऑयल खरीदेगा, यह पूरी तरह इंटरनेशनल प्राइसिंग और मार्केट डायनामिक्स पर निर्भर करता है.”

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि पिछले हफ्ते तेल खरीद में कोई बदलाव हुआ है या नहीं.

यानी भारत ने किसी तरह की प्रतिबंध या रोक की न तो पुष्टि की, न ही खंडन. लेकिन साफ किया कि निर्णय सिर्फ आर्थिक हितों पर आधारित होता है.

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क्या इससे भारत की छवि पर असर पड़ेगा? (India Russia Deal 2025)

दुनिया की नजरों में भारत एनर्जी सिक्योरिटी को प्राथमिकता देने वाला राष्ट्र है.
भारत:

  • किसी एक देश या गुट पर निर्भर नहीं रहना चाहता.
  • जरूरत के अनुसार सप्लायर्स में बदलाव करता है.
  • सस्ती और विश्वसनीय ऊर्जा सप्लाई को अपने विकास का आधार मानता है.

ट्रंप के बयान से भले ही भ्रम की स्थिति बनी हो, लेकिन भारत ने अपनी स्वतंत्र विदेश नीति और ऊर्जा नीति को दोहराया है.

मुख्य तथ्य (Fact Sheet):

पॉइंटडिटेल
ट्रंप का दावाभारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा
भारत की स्थितिसरकार ने खंडन किया – तेल खरीद जारी है
रूस की भूमिकादुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक
भारत की जरूरत85% से ज्यादा तेल आयात करता है
मंत्रालय की प्रतिक्रियातेल खरीद मार्केट पर निर्भर करती है
डिस्काउंट क्रूडरूस भारत को सस्ते दामों पर तेल बेचता है

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