आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। नया शैक्षणिक कैलेंडर 22 जुलाई को जारी हुआ था, और अब तक 11 दिन बीत चुके हैं. इसके बावजूद न तो शिक्षा अधिकारियों में इस आदेश को लेकर स्पष्टता नजर नहीं आ रही है. और न ही स्कूल प्रबंधन में. सवाल यह है कि मंत्रालय से आए आदेशों को क्यों जमीनी स्तर पर तुरंत लागू नहीं किया जा रहा है, या फिर जानबूझकर इस आदेश की अनदेखी की जा रही है?

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नए कैलेंडर के मुताबिक, अब शनिवार को भी अन्य दिनों की तरह सुबह 10 से शाम 4 बजे तक स्कूल संचालित होंगे. यानी अब तक जो हर शनिवार को हाफ-डे की परंपरा चली आ रही थी, वह खत्म कर दी गई है. हर शनिवार के बजाय अब माह के दूसरे और चौथे शनिवार को बैगलेस डे रखा गया है. वहीं सिंगल शिफ्ट में संचालित वे स्कूल जो शनिवार को सुबह 7 से 11 बजे तक चलते थे, अब उन्हें भी सामान्य समयानुसार सुबह 10 से शाम 4 बजे तक ही संचालित किया जाएगा.

हालांकि, जगदलपुर शहर के भीमराव अंबेडकर शासकीय प्राथमिक शाला में शनिवार को दोपहर 12 बजे ही ताले लगे मिले, जबकि सामान्य दिनों में यह स्कूल सुबह 11 से शाम 4 बजे तक संचालित होता है. यह कोई एकमात्र स्कूल नहीं है शहर में ऐसे कई सिंगल शिफ्ट स्कूल हैं, जो अब भी पुराने कैलेंडर के अनुसार ही संचालित हो रहे हैं. जब शहरी क्षेत्र में ऐसा हाल है, तो सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि ग्रामीण इलाकों में इस आदेश का कितना पालन हो रहा होगा.

नए कैलेंडर के अनुसार, बच्चों को महीने में दो शनिवार बिना बस्ता लाने का निर्देश है. इन दोनों शनिवार को बच्चों को विभिन्न प्रकार की गतिविधियां करवाई जाएंगी और उन्हें विषय आधारित जानकारियां भी दी जाएंगी. जबकि प्रथम और तृतीय शनिवार को सामान्य रूप से अध्ययन होगा. इस व्यवस्था का उद्देश्य बच्चों की स्कूल में रुचि बढ़ाना और पढ़ाई के प्रति उनका ध्यान केंद्रित करना है.

प्रार्थना सभा में बताई जाएंगी ज्ञानवर्धक बातें

इसके अलावा हर महीने की प्रार्थना सभा में बच्चों को किसी एक विषय पर जानकारी दी जाएगी. जुलाई में पर्यावरण जागरूकता और अगस्त में सुरक्षा जैसे विषयों पर बच्चों को जानकारी दी जाएगी. सुरक्षा के अंतर्गत बच्चों को बाल सुरक्षा, हेल्पलाइन, चोट, आग, पानी भरने की स्थिति, बिच्छू के डंक, साइबर सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा और यातायात नियमों के बारे में जागरूक किया जाएगा.

क्या कहा ज्वॉइंट डायरेक्टर ने

शिक्षा विभाग के जॉइंट डायरेक्टर से जब लल्लूराम डॉट कॉम ने बात की तो उन्होंने कहा कि स्कूल किस समय और कैसे संचालित हो, यह जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारी की होती है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय में जांच की जाएगी और लापरवाही मिलने पर कार्रवाई भी होगी.

बीईओ बोलीं – आदेश स्पष्ट नहीं

वहीं बस्तर की बीईओ भारती देवांगन ने कहा कि अब तक स्पष्ट आदेश प्राप्त नहीं हो सके हैं. उन्होंने बताया कि इस विषय में जिला शिक्षा अधिकारी बलिराम बघेल से चर्चा हुई है, और टाइमिंग को लेकर एक और पत्र जारी करने की बात भी सामने आई है. इस बयान से ऐसा प्रतीत होता है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी है.