छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर-विशाखापट्नम कॉरिडोर में भू-अर्जन मुआवजा घोटाले की जांच धीमी है. राज्य शासन के निर्देश पर रायपुर संभागायुक्त महादेव कावरे ने चार टीमों का गठन किया था, जिन्हें सप्ताहभर में रिपोर्ट देनी थी, लेकिन अब तक 150 से अधिक दावा-आपत्तियों का निराकरण नहीं हुआ है. 4 अगस्त को इन मामलों की समीक्षा के लिए बैठक बुलाई गई है. अपर कलेक्टरों की अध्यक्षता में बनी टीमों को जांच की जिम्मेदारी दी गई थी. इसी तरह दुर्ग और राजनांदगांव जिलों में ढाई सौ से अधिक मामलों की जांच चल रही है. वहां किसानों ने कम मुआवजा मिलने की शिकायतें की हैं, हालांकि अनियमितता की पुष्टि नहीं हुई है.
Bharatmala Project Scam in Chhattisgarh: रायपुर. भारतमाला परियोजना के अंतर्गत रायपुर-विशाखापट्नम इकॉनामिक कॉरिडोर में मुआवजा घोटाला सामने आने के बाद सभी भूअर्जन मुआवजा प्रकरणों को लेकर प्राप्त दावा-आपत्तियों व शिकायतों की जांच रिपोर्ट लटक गई है. संभागायुक्त द्वारा गठित चारों टीमों ने अभी तक अपनी जांच पूरी नहीं की है. जबकि हफ्तेभर के भीतर जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंपी जानी थी. अब रायपुर संभागायुक्त महादेव कावरे ने इस संबंध में 4 अगस्त को अपने कार्यालय में चारों टीमों की बैठक बुलाई है. बैठक में भूअर्जन मुआवजा प्रकरणों के संबंध में प्राप्त दावा-आपत्तियों व शिकायतों की विस्तृत समीक्षा की जाएगी.


बताया गया है कि राज्य शासन के निर्देश पर संभागायुक्त ने माहभर पहले अपर कलेक्टरों की अध्यक्षता में चार अलग-अलग टीमें गठित कर हफ्तेभर के भीतर रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन निर्धारित समयावधि में मुआवजा संबंधी दावा आपत्तियों का परीक्षण पूरा नहीं किया जा सका और न ही जांच रिपोर्ट सौंपी गई है. भारतमाला परियोजना से जुड़ी शिकायतों, दावा-आपत्तियों की जांच के लिए अपर कलेक्टर ज्योति सिंह, उमाशंकर बंदे, निधि साहू, इंदिरा देवहारी की अध्यक्षता में अलग-अलग चार टीमें बनाई थीं. रायपुर-विशाखापट्नम प्रोजेक्ट के तहत भू-अर्जन मुआवजा घोटाले की जांच के लिए नए सिरे से दावा-आपत्तियां मंगाई गई थीं. इसमें डेढ़ सौ से अधिक दावा-आपत्तियां व शिकायतें प्राप्त हुई थीं. (Bharatmala Project Scam in Chhattisgarh)
दुर्ग में 250 दावा-आपत्तियां
दुर्ग संभागायुक्त के दुर्ग व राजनांदगांव जिले में भी भारतमाला परियोजना के तहत दुर्ग-रायपुर बायपास निर्माण के भू-अर्जन प्रकरणों के संबंध में ढाई सौ से ज्यादा दावा-आपत्तियों की जांच जारी है. संभागायुक्त के न्यायालय में प्रभावित किसानों ने आवेदन लगाए हैं. संभागायुक्त एसएन राठौर ने बताया कि ज्यादातर प्रभावित किसानों ने कम मुआवजा मिलने की शिकायतें की हैं. अनियमितता की कोई शिकायत सामने नहीं आई है.