कुंदन कुमार, पटना। पटना जंक्शन के चर्चित कुली धर्मा यादव को रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। धर्मा यादव वही शख्स है, जिसने 27 अक्टूबर 2013 को गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान हुए बम धमाकों के वक्त एक आतंकी को पकड़कर सुर्खियों में आया था। उस साहसिक कार्य के लिए उसे कई पुरस्कार भी मिले थे, साथ ही सुरक्षा के लिए एक बॉडीगार्ड भी तैनात किया गया था।
जानें क्या है पूरा मामला?
घटना रविवार की बताई जा रही है। आरोप है कि धर्मा यादव अपने एक रिश्तेदार के मामले को लेकर पटना जंक्शन स्थित रेल थाने पहुंचकर हंगामा करने लगा। जानकारी के मुताबिक, आरा जिले के रहने वाले धर्मनाथ यादव के भतीजे से रेल पुलिस ने चैन पुलिंग के आरोप में एक हजार रुपये जुर्माना वसूला था। इसी बात से नाराज होकर धर्मा यादव थाने पहुंचा और जमकर बवाल किया।
एसआई खुशबू कुमारी से हुई तीखी बहस
इस दौरान थाने में मौजूद महिला एसआई खुशबू कुमारी से उसकी तीखी बहस हो गई। आरोप है कि इस दौरान धर्मा यादव ने पुलिस कर्मियों को वर्दी उतरवाने की धमकी तक दे डाली। इसके बाद एसआई खुशबू कुमारी ने उनके खिलाफ लिखित शिकायत दी, जिस पर कार्रवाई करते हुए जीआरपी ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
2013 में चर्चा में आए थे धर्मा यादव
धर्मा यादव 27 अक्टूबर 2013 को पटना जंक्शन पर उस समय चर्चा में आए थे, जब पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान सीरियल बम ब्लास्ट हुआ था। पहला धमाका जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर 10 पर हुआ था। उस समय विश्राम गृह में आराम कर रहे धर्मा धमाके की आवाज सुनकर बाहर निकले और डीलक्स शौचालय के पास एक संदिग्ध को घायल हालत में देखा। उन्होंने तत्काल उसे दबोच लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। बाद में वह संदिग्ध आतंकी निकला।
इस बहादुरी के लिए उन्हें राज्य और केंद्र स्तर पर कई पुरस्कार मिले थे। लेकिन अब वही धर्मा यादव कानून हाथ में लेने के आरोप में जेल की हवा खा रहे हैं।
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