कुमार इंदर, जबलपुर। जाली पासपोर्ट के सहारे रह रहे अफगानिस्तान के नागरिकों पर एटीएस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है इस मामले में एटीएस ने एक और अफगानी नागरिक को कोलकाता से गिरफ्तार किया है। इसके पहले यानी शनिवार को भी एटीएस ने एक अफगानी नागरिक समेत जबलपुर के तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। पकड़े गए सभी लोगों का आज जिला अस्पताल में मुलाहिजा के बाद न्यायालय में पेश किया गया। पकड़े गए दो अफगानी नागरिक सोहबत खान और अकबर के साथ सरकारी कर्मचारी जबलपुर निवासी दिनेश गर्ग, महेंद्र कुमार और चंदन सिंह शामिल है।
दो दशक से भारत में रह रहे थे दोनों अफगानी
एटीएस के शिकंजे में आए दोनों अफगानी नागरिक सोहबत खान और अकबर दो दशक से भारत में रह रहे थे, बताया जा रहा है कि सोहबत खान 2015 के आसपास अफगानिस्तान से भारत आया फिर भोपाल के रास्ते जबलपुर आया और यहीं पर उसने रहकर फर्जी दस्तावेज तैयार की और फर्जी दस्तावेज के आधार पर अपना जाकी पासपोर्ट बनवाया फिर जाली पासपोर्ट के आधार पर वह अफगानिस्तान के कई चक्कर काट कर आया।
अफगानिस्तान जाकर आया
वहीं पकड़ा गया दूसरा आरोपी अकबर खान भी 20 साल पहले भारत में आकर बस गया। पकड़ा गया दूसरा अफगानिस्तान नागरिक अकबर 30 साल पहले भारत आया और फिर यहां पर अलग-अलग हिस्सों में रहकर उसने काम किया और फिर यहीं रहकर उसने एक 1 लाख 20 हजार रुपए में फर्जी तरीके से अपना जाली पासपोर्ट बनाया और फिर उसी जाली पासपोर्ट के आधार पर वह अफगानिस्तान जाकर आया।
कैसे चलता था जाली पासपोर्ट का खेल
बताया जा रहा कि अब तक जबलपुर में रहकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए 10 से ज्यादा अफगानिस्तान नागरिकों के जाली पासपोर्ट बने हैं। सबसे पहले जबलुपर में रह रहे सोहबत खान वन विभाग में पदस्थ दिनेश गर्ग के संपर्क में आया जिसके बाद दिनेश गर्ग ने उसे जबलपुर कटंगा निवासी महेंद्र कुमार से मिलवाया और इसके बाद महेंद्र कुमार ने जबलपुर, रामपुर निवासी चंदन सिंह के साथ मिलकर पहले सोहबत खान के आधार कार्ड समेत अन्य दस्तावेज बनवाए फिर उसी दस्तावेजों के आधार पर अफगानी नागरिक सोहबत खान का जाली पासपोर्ट बनाया गया।
पोस्टमैन से रास्ते में ले लेते थे पासपोर्ट
एटीएस की पूछताछ में पता चला है कि यह फर्जीवाड़ा छुपाने के लिए आरोपी महेंद्र कुमार चंदन सिंह पोस्टमैन को रास्ते में रोक कर ही पासपोर्ट ले लेते थे जिससे पासपोर्ट के लिए दर्शाए गए एड्रेस पर पोस्टमैन के पहुंचने पर कोई परेशानी खड़ी ना हो इसलिए आरोपी पोस्टमैन को रास्ते में रोकते और फिर उसे 3 हजार रूपए देकर पासपोर्ट ले लेते।
अकबर ने अपने एक और साथी का बनवाया पासपोर्ट
एटीएस की पूछताछ में पता चला है कि कोलकाता से पकड़ा गया अफगानी नागरिक अकबर ने अपने एक और साथी का जाली पासपोर्ट जबलपुर में ही बनवाया था, जिसकी तलाश जारी है। अकबर अपने अफगानी नागरिकों के जरिए ही जबलपुर में रह रहे सोहबत खान तक पहुंचा और फिर सोहबत से मुलाकात की। उसके जरिए ही उसने अपना और अपने साथी का जाली पासपोर्ट बनवाया। जबलपुर में फर्जी दस्तावेज के जरिए तकरीबन 10 अफगानिस्तानी नागरिकों के जाली पासपोर्ट बनवाए गए हैं। पिछले 4 दिनों से जबलपुर में डेरा डाली एटीएस की टीम मामले से जुड़े लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें