वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर। सड़कों की बदहाल स्थिति को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने कड़ी नाराजगी जाहिर की। खराब सड़कों को ना बनाए जाने से नाराज चीफ जस्टिस ने नेशनल हाईवे के प्रोजेक्ट मैनेजर को नोटिस जारी कर उसी खराब सड़क मार्ग से होते हुए कोर्ट बुलाया है। मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।


बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे प्रदेश का महत्वपूर्ण हाईवे है। सरगुजा संभाग और बिलासपुर संभाग के लोग इसी एनएच से ही राजधानी पहुंचते हैं। लेकिन इसके रखरखाव में नेशनल हाईवे अथॉरिटी द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही है।
मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस की डिवीजन बैंच ने तल्खी दिखाई और एनएचएआई की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता से चीफ जस्टिस ने पूछा कि मिस्टर वानखेडे आप तो रोज रायपुर जाते होंगे, नेशनल हाईवे के प्रोजेक्ट मैनेजर से मिलने के लिए। तो आपने इस सड़क की स्थिति भी देखी होगी। नेशनल हाईवे वाले जो थोड़ा बहुत मेंटेनेंस करते हैं, सड़क पर स्टॉपर लगाते है वे बेतरतीब, लावारिस हालत में सड़क पर पड़ी रहती हैं। हम वहां चले या ना चले, आप क्या चाहते हैं कि पब्लिक उसको उड़ाते चले। पेंच वर्क करने के लिए जो मटेरियल सड़क पर छोड़ा गया है उससे भी गंदगी फैल रही है और दुर्घटनाओं की आशंका चौबीस घंटे बनी रहती है। इससे एक्सीडेंट हो रहे हैं और जनहानि हो रही है। इसके अलावा मवेशी भी इस सड़क पर दुर्घटना का शिकार होकर अपनी जान गंवा रहे हैं।
मामले में जवाब देने के लिए चीफ जस्टिस ने कहा कि साधारण एफिडेविट देने से काम नहीं चलेगा। उन्होंने कल नेशनल हाईवे के प्रोजेक्ट मैनेजर को उपस्थित होने के निर्देश जारी किया है। चीफ जस्टिस ने कहा कि एनएचआई के प्रोजेक्ट मैनेजर को हाईकोर्ट आने और जाने के लिए इसी सड़क का उपयोग करें। चीफ जस्टिस ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि अब हर सुनवाई डेट में सड़क मार्ग से प्रोजेक्ट मैनेजर को हम बुलवाएंगे तभी इनमें सुधार आएगा। मामले में मंगलवार को भी सुनवाई होगी।
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