अभिषेक सेमर, तखतपुर। जनपद पंचायत तखतपुर की सामान्य सभा की बैठक इस बार व्यवस्था की लचरता और जनप्रतिनिधियों के अपमान की तस्वीर बन गई। बैठक में जहां जनप्रतिनिधियों के बैठने के लिए टूटी-फूटी कुर्सियां लगाई गई थी, वहीं पसीने से तर-बतर हो रहे सदस्य गर्मी और अव्यवस्था से परेशान नजर आए। खासतौर पर महिला सदस्यों ने टूटी कुर्सियों को खुद बदलते हुए नाराज़गी जताई। कई सदस्यों ने कहा कि यह सीधा-सीधा जनप्रतिनिधियों का अपमान है और सीईओ की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है। हंगामे के साथ बैठक की शुरुआत हुई और जनप्रतिनिधियों ने चेतावनी दी कि यदि अगली बार भी ऐसी स्थिति रही, तो वे बैठक का बहिष्कार करेंगे।

वहीं इस मामले में जनपद पंचायत की अध्यक्ष माधवी वस्त्रकार ने बताया कि बैठक की अधिसूचना एक सप्ताह पूर्व जारी होने के बावजूद भी जनपद पंचायत सीईओ सत्यव्रत तिवारी के द्वारा सदस्यों का अपमान करना और व्यवस्था में सुधार नहीं करना गंभीर लापरवाही की श्रेणी में आता है। जनता से चुने हुए जनप्रतिनिधि क्षेत्र के सम्मानित एवं प्रतिष्ठित व्यक्ति होते हैं, ऐसे में उनके सम्मान में ठेस पहुंचना क्षेत्र की जनता को पीड़ा से भर देता है। साथी सदस्यों को भरोसा दिया गया कि भविष्य में इस लापरवाही की पुनरावृत्ति नहीं होगी।

जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक 01 जनपद सदस्य श्याम सिंह ध्रुव ने बताया कि महिला जनपद सदस्यों के द्वारा स्वयं ही सामान्य सभा की बैठक में टूटी कुर्सियों को उठाकर हटाना और अपने बैठने की व्यवस्था करना पड़ा है। यह कहीं ना कहीं हम सभी निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का अपमान है। उन्होंने इस घटना की कड़ी निंदा की और कहा कि सभी जनपद सदस्य अपने-अपने क्षेत्र से निर्वाचित होकर आते हैं, उनके सम्मान के साथ कहीं ना कहीं मज़ाक किया गया है। इस मामले में उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।

इस मामले में जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक 23 के सदस्य रानी रवि सोनी ने बताया कि मैं स्वयं ही टूटी हुई कुर्सियों को हटाकर अपने बैठने की व्यवस्था की है। जिम्मेदार अधिकारी बैठक में बुलाकर बैठने के लिए टूटी कुर्सी देना ये किस व्यवस्था का हिस्सा है? अब तक इस मामले में सीईओ ने क्यों कार्रवाई नहीं की? यह सम्माननीय निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को नीचा दिखाने के लिए टूटी कुर्सी रखी गई थी। तत्काल इस लापरवाही पर एक्शन हो, नहीं तो आगामी बैठक का बहिष्कार किया जाएगा।

जनपद सदस्य ऋषभ कश्यप ने बताया कि सम्मान की जगह अपमान इस व्यवस्था की कड़ी निंदा करते हैं। अगर इस पूरे घटनाक्रम ने जनप्रतिनिधियों और पंचायत प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति पैदा कर दी है, क्योंकि जनप्रतिनिधियों का अपमान बर्दाश्त करने योग्य नहीं है। अगर जनपद पंचायत बैठक की व्यवस्था व्यवस्थित नहीं कर सकता तो उनको बैठक नहीं बुलानी चाहिए। घंटों चली इस बैठक में पर्याप्त पंखे या कूलर की व्यवस्था नहीं की गई थी, जिसके कारण बैठक में आए सभी लोगों का बुरा हाल हो गया, जबकि इस बैठक में सभी सदस्य सहित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

वहीं इस मामले में जनपद पंचायत सीईओ सत्यव्रत तिवारी से पूछा गया कि महिला जनपद सदस्य स्वयं ही टूटी-फूटी कुर्सी बदलकर अपने बैठने की व्यवस्था कर रही हैं, तो वे प्रतिक्रिया देने से बचते नजर आए।