Coup Plot In Brazil: अमेरिका से जारी ट्रेड वॉर के बीच ब्राजील में तख्तापलट की साजिश हुई है। ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो (Jair Bolsonaro) पर तख्तापलट की साजिश करने का आरोप लगा है। जेयर बोलसोनारो को सुप्रीम कोर्ट ने हाउस अरेस्ट का आदेश दिया है। उन पर 2022 चुनाव हारने के बाद तख्तापलट की साजिश रचने का आरोप है। बोलसोनारो अब ब्रासीलिया में नजरबंद रहेंगे।

वहीं दूसरी तरफ यह मामला अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के 50% टैरिफ फैसले से भी जुड़ गया है। तख्तापलट की साजिश करने के पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का हाथ बताया जा रहा है। बोलसोनारो ट्रंप के करीबी माने जाते हैं। अब यह मामला पूरे दक्षिण अमेरिका में चर्चा में है।

इस केस की निगरानी कर रहे सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एलेक्ज़ेंडर डी मोरेस ने अपने आदेश में कहा कि 70 वर्षीय बोलसोनारो ने कोर्ट द्वारा पहले से लगाए गए सुरक्षा निर्देशों का उल्लंघन किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने तीनों सांसद बेटों के अकाउंट्स के जरिए कंटेंट पोस्ट किया, जो नियमों के खिलाफ था। रविवार को बोलसोनारो ने रियो डी जेनेरियो में अपने समर्थकों को अपने बेटे और सीनेटर फ्लावियो बोलसोनारो के मोबाइल फोन से संबोधित किया था।

ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा।

अब यह ट्रायल और भी सुर्खियों में आ गया है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्राजील से इंपोर्ट किए जाने वाले सामानों पर 50% टैरिफ का कारण सीधे तौर पर बोलसोनारो के खिलाफ चल रही न्यायिक प्रक्रिया को बताया है। ट्रंप, बोलसोनारो के करीबी माने जाते हैं। उन्होंने इस ट्रायल को “विच हंट” बताया है, जिससे ब्राजील की राजनीति में राष्ट्रवादी प्रतिक्रिया और तेज़ हो गई है।

बोलसोनारो पर चुनावी नतीजे को पलटने का आरोप

ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा समेत सभी प्रमुख नेता इस पर खुलकर बोल रहे हैं। बोलसोनारो के खिलाफ चल रहे इस केस में आरोप है कि उन्होंने एक आपराधिक संगठन का नेतृत्व किया, जिसने चुनावी नतीजों को पलटने की योजना बनाई थी। इसमें राष्ट्रपति लूला और जस्टिस डी मोरेस की हत्या की साजिश भी शामिल बताई जा रही है।

इलेक्ट्रॉनिक एंकल मॉनिटर के जरिए रखी जा रही नजर

सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने आदेश दिया था कि बोलसोनारो को इलेक्ट्रॉनिक एंकल मॉनिटर पहनना होगा और उन पर गतिविधियों की समय सीमा भी लागू की गई थी। इस पूरे मामले पर अब अंतरराष्ट्रीय नज़रें भी टिकी हुई हैं, क्योंकि यह केवल एक राजनीतिक संकट नहीं, बल्कि ग्लोबल लेवल पर अमेरिका-ब्राजील संबंधों को भी प्रभावित कर रहा है।

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