CG News : गरियाबंद. छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में ग्रामीण सड़कों पर 15 टन से दोगुनी क्षमता वाली वाहनें दौड़ने से सड़कें खराब हो रही हैं. निर्माण के साल भर में सड़कें गढ्ढे में तब्दील हो गई है. ग्रामीणों की मांग पर ठेका कम्पनियों को बरसात के बाद मरम्मत के लिए कहा गया है. फिलहाल भारी वाहनों को रोकने हाइट बेरियर लगाया गया है.

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत गोना से लेकर गरीबा और बरही दीवानमुडा मार्ग में पक्की सड़क बनाया गया था, लेकिन सड़के साल भर भी नहीं टिक पा रही है. 6 माह में सड़कों से डामर की परते उखड़ने लगती है. सड़को में गढ्ढे नजर आते हैं, फिर काम की गुणवत्ता पर सवाल उठना शुरू हो जाता है. लेकिन सड़के खराब होने की असल वजह भारी क्षमता को वाहन का रोजाना गुजरना है. ग्रामीण सड़क की क्षमता अधिकतम 15 टन होती है, जबकि कारोबारी अपने 35 से 40 टन वजनी भारी वाहनों को ग्रामीण सड़को में दौड़ाते हैं. दोगुनी वजन की सड़को के आवाजाही से सड़को में डामर की परते उखड़ने लगती है.

गरीबा की सड़कों पर दौड़ रही मक्का, सीमेंट भरी गाड़ियां

नवरंगपुर जिले के शहरों को जोड़ने वाली गोना गरीबा की सड़क 6 माह पहले बन कर तैयार हुआ था. सड़क नवरंगपुर जिले के रायघर की सीमा को जोड़ता है. यहां के कारोबारी मक्का का काम करते हैं. 35 टन मक्का से भरी गाड़िया महासमुंद और रायपुर जाती है और वापसी में किराना और सीमेंट लदकर आती हैं. 7 से 8 भारी वाहन हफ्ते में तीन चक्कर लगा लेती है. इन्हीं वाहनों के कारण अब सड़क की दुर्दशा हो गई. डामर उखड़ गए हैं, जगह गढ्ढे हो गए हैं. सड़के गारंटी अवधि में थी ऐसे में ग्रामीणों की मांग पर ठेका कम्पनियों को बरसात के बाद मरम्मत के लिए कहा गया है.

हाइट बेरियर लगा, भारी वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग 

भारी वाहनों की आवाजाही का विरोध क्षेत्र के लोगों ने भी किया, तब जाकर कुछ दिन पहले ही पीएमजीएसवाय विभाग ने सड़को में हाइट बेरियर लगा दिया है. इस हाइट बेरियर में छोटी वाहन जो 15 टन क्षमता के भीतर होगी केवल वही गुजर सकेगी. इससे ज्यादा वजनी वाहन नहीं गुजर पाएंगे. इस क्षेत्र के अंबेडकर वादी युवा संगठन के प्रमुख पतंग नेताम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में भारी वाहनों का कोई काम नहीं है. सड़क खराब करने वाले भारी वाहनों को पूर्ण प्रतिबंध किया जाना चाहिए. बड़े-बड़े कारोबारी अवैध कारोबार लिए ग्रामीण सड़को का इस्तेमाल करते हैं. आवाजाही करने वाले माल वाहकों की जांच भी होनी चाहिए.

कमलेश चंद्राकर एसडीओ पीएमजीएसवाई : क्षमता से दुगुनी भार वाले वाहनों को रोकने हाइट बेरियर लगाया गया है. ग्रामीणों को भी जागरूकता दिखाकर अपने उपयोगी सड़को की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाना चाहिए.