विक्रम मिश्र, लखनऊ। बसपा अध्यक्ष मायावती ने आज फिर से साफ कर दिया है उनकी पार्टी किसी भी गठबंधन में नहीं है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन, इण्डिया गठबंधन से कोई रिश्ता नहीं है। मायावती ने कहा किसी मोर्चे में भी बसपा शामिल नहीं होगी। मायावती लगातार केंद्र सरकार के कुछ फैसलों पर विपक्ष से इतर होकर अपना समर्थन देती रहती है। जैसा कि ऑपरेशन सिंदूर, ट्रम्प के टैरिफ पर भारत सरकार का जवाब हो, इस कारण कुछ राजनैतिक समूहों को लगने लगा था कि शायद हाशिये पर जा चुकी बसपा को उबारने के लिए मायावती भाजपा या राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ जा सकती है।

बहुजन समाजवादी पार्टी का स्टैंड स्पष्ट

इसके अलावा पिछले लोकसभा चुनाव में भी इंडी गठबंधन के साथ बसपा के जाने की चर्चा जोर पर थी लेकिन बहन मायावती ने इसको सिरे से खारिज कर दिया था। हालांकि उसके बाद बहन मायावती और सोनिया गांधी की मुलाकात हुआ था। जिसपर कुछ माहौल भी बनने लगा था। लेकिन अब एक बार फिर मायावती ने किसी भी गठबंधन या मोर्चे में शामिल होने को लेकर बसपा का स्टैंड स्पष्ट कर दिया है।

अम्बेडकरवादी नीति पर चलने वाली पार्टी

मायावती ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि जैसाकि सर्वविदित है कि बहुजन समाज पार्टी (बी.एस.पी.) ना तो बीजेपी के एनडीए गठबंधन के साथ है और ना ही कांग्रेस के इण्डिया समूह (गठबंधन) के साथ है, तथा, ना ही अन्य किसी और भी फ्रन्ट के साथ है, बल्कि इन दोनों व अन्य और किसी भी जातिवादी गठबंधनों से अलग अपनी ’सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ के अम्बेडकरवादी सिद्धान्त व नीति पर चलने वाली पार्टी है।

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तथ्यहीन व विषैली ख़बर चलायी

मायावती ने आगे कहा कि इसके बावजूद भी ख़ासकर दलित, आदिवासी एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी तथा इन वर्गों के प्रति जातिवादी मानसिकता रखने वाले कुछ मीडिया बी.एस.पी. की इमेज को बीच-बीच में धूमिल करने व राजनीतिक नुक़सान पहुँचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं, जिसको लेकर पार्टी को लगातार अपने लोगों को इनसे सतर्क करते रहने की ज़रूरत पड़ती रहती है।इस क्रम में अभी हाल में ’भारत समाचार’ ने अपने यूट्यूब चैनल में ’’बीजेपी के साथ आ गयी मायावती कर दिया बड़ा ऐलान?’’ इस शीर्षक से गलत, तथ्यहीन व विषैली ख़बर चलायी है, जबकि उसके भीतर न्यूज़ में कुछ और है।

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किसी के भी बहकावे में ना आए

इस प्रकार से भारत समाचार चैनल द्वारा पार्टी की इमेज को ख़ासकर चुनाव के पूर्व इस प्रकार का आघात पहुँचाने का जो यह घिनौना प्रयास किया गया है उसकी जितनी भी निन्दा व भर्त्सना की जाये, वह कम है। चैनल को इसके लिए माफी भी ज़रूर माँगनी चाहिये। साथ ही, पार्टी के लोगों से यह विशेष आग्रह है कि वे राजनीतिक षडयंत्र के तहत् मीडिया के इस प्रकार के घिनौने हथकण्डों से हमेशा ज़रूर सावधान रहें और किसी के भी बहकावे में ना आये, क्योंकि जातिवादी तत्व अपने अम्बेडकरवादी कारवाँ को कमज़ोर करने के घिनौने षडयंत्र में हमेशा किसी ना किसी रूप में लगे रहते हैं।

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बता दें कि मायावती लगातार केंद्र सरकार के कुछ फैसलों पर विपक्ष से इतर होकर अपना समर्थन देती रहती है। जैसा कि ऑपरेशन सिंदूर, ट्रम्प के टैरिफ पर भारत सरकार का जवाब हो, इस कारण कुछ राजनैतिक समूहों को लगने लगा था कि शायद हाशिये पर जा चुकी बसपा को उबारने के लिए मायावती भाजपा या राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के साथ जा सकती है। इसके अलावा पिछले लोकसभा चुनाव में भी इंडी गठबंधन के साथ बसपा के जाने की चर्चा जोर पर थी लेकिन बहन मायावती ने इसको सिरे से खारिज कर दिया था। हालांकि उसके बाद बहन मायावती और सोनिया गांधी की मुलाकात हुआ था। जिसपर कुछ माहौल भी बनने लगा था। लेकिन अब एक बार फिर मायावती ने किसी भी गठबंधन या मोर्चे में शामिल होने को लेकर बसपा का स्टैंड स्पष्ट कर दिया है।