भुवनेश्वर : मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने वन विभाग सम्मेलन में वन अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों को अपनी सोच बदलनी चाहिए। कुछ अधिकारियों की वजह से वन विभाग बदनाम है। वे ज़्यादा कमाई के लालच में भ्रष्टाचार कर रहे हैं।

भ्रष्टाचार के मामले में सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति है। विभाग में भ्रष्टाचार वैसा नहीं होना चाहिए जैसा टीवी पर दिखाया जाता है। सरकार गाली-गलौज करके अपना काम करेगी। आदिवासियों से लड़ने की बजाय रिश्ते बनाएँ। ज़रूरत पड़ने पर ये आदिवासी वन विभाग के मुखबिर बन जाएँगे।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 2006 में क्योंझर के गुप्तगंगा में 20 से 25 युवा आदिवासियों को गिरफ्तार करके सौ दिनों से ज़्यादा जेल में रखा गया था। उन्होंने कितना बड़ा अपराध किया था? जो लोग माफिया की तरह कीमती पेड़ों को काटकर बेच रहे हैं, वे हमारे कुछ लोगों की वजह से बच निकल रहे हैं।

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने वन विभाग के अधिकारियों से वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने का आह्वान करते हुए कहा कि एक पेड़ मा के नाम कार्यक्रम के तहत राज्य में 6.52 करोड़ पेड़ लगाए गए हैं। इस वर्ष एक करोड़ और पेड़ लगाने की योजना है। 17 सितंबर को प्रधानमंत्री के 75वें जन्मदिन पर एक दिन में 75 लाख पेड़ लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री को उनके दिल्ली दौरे के दौरान उस दिन ओडिशा आने का निमंत्रण दूंगा।

जंगली जानवरों के अवैध शिकार पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाघों और हाथियों का शिकार, शिकार और अवैध शिकार किया जा रहा है। 10 वर्षों में 779 हाथियों की मौत हो चुकी है। जंगल में मूल्यवान जानवरों के अस्तित्व को लेकर एक बड़ा सवाल उठ रहा है। उनकी रक्षा करें। हाथियों के भोजन के लिए जंगल के अंदर धान की खेती की जाएगी। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि एक जमीन तैयार करके जंगल में रहने वाले लोगों को इसमें खेती करने के लिए शामिल किया जाना चाहिए।