Bihar News: राजद सांसद मनोज कुमार झा ने एक बार फिर SIR के मुद्दे पर NDA सरकार को घेरा है. मनोज कुमार झा ने चुनावी मतदाता सूची में हो रहे कथित ‘इंटेंसिव डिलीशन’ (Intensive Deletion) को लेकर केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला है.
झा ने कहा कि यह SIR (Systematic Identification and Removal) नहीं है, यह इंटेंसिव डिलीशन है. इसमें न तो कोई पारदर्शिता है, न कोई वर्गीकरण (categorization), और न ही EPIC (Electors Photo Identity Card) नंबर का उल्लेख किया गया है. यह प्रक्रिया संविधान की भावना के खिलाफ है. मैं इसे घोर अलोकतांत्रिक मानता हूं.
मनोज झा ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया एक खास वर्ग या समुदाय को निशाना बनाकर की जा रही है. उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई लोकतंत्र की जड़ें कमजोर करती है और इससे लोगों का चुनाव प्रक्रिया से विश्वास उठ सकता है.
उन्होंने सरकार से यह भी मांग की कि इस पूरे मुद्दे पर संसद में विस्तृत बहस कराई जाए और चुनाव आयोग को जवाबदेह बनाया जाए. सदन में झा के इस बयान पर विपक्ष के कई नेताओं ने समर्थन जताया, जबकि सत्ता पक्ष ने इसे ‘राजनीतिक स्टंट’ करार दिया.
क्या है SIR और ‘इंटेंसिव डिलीशन’?
SIR यानी Systematic Identification and Removal, चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने की प्रक्रिया है. लेकिन विपक्ष का आरोप है कि इस प्रक्रिया की आड़ में व्यापक पैमाने पर नाम हटाए जा रहे हैं, बिना किसी स्पष्ट सूचना, वर्गीकरण या कारण के.
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