वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर। हाईकोर्ट ने शहर के पास स्थित चकरभाठा में बुजुर्ग को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी ने अपने ऊपर की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग करते हुए याचिका दायर की है। आरोपी ने एफआईआर को दुर्भावनावश बताया है। कोर्ट ने मामले में मृतक द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट की हस्तलेखन विशेषज्ञ द्वारा की गई जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

दरअसल, चकरभाठा कैंप निवासी नंद किशोर शर्मा ने 24 जनवरी 2023 को अपने किराए के मकान में आत्महत्या कर ली थी। जाँच के दौरान, मृतक द्वारा छोड़ा गया एक सुसाइड नोट मिला। इसमें कहा गया था कि शर्मा ने आत्महत्या की क्योंकि आरोपी चंद्रप्रताप तिवारी और सह-अभियुक्त प्रिय नाथ सोनी उसे परेशान करते हुए आत्महत्या के लिए उकसा रहे थे। आरोपी चंद्रप्रताप ने नंदकिशोर से पैसे उधार लिए थे और वह उसे वापस करने से इनकार कर रहा था। पैसे वापस मांगने पर, आरोपी ने मृतक से गाली गलौच कर जान से मारने की धमकी दी।

याचिकाकर्ता की ओर से डेढ़ साल बाद दुर्भावनावश एफआईआर करने का तर्क

याचिकाकर्ता के वकील ने सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में तर्क दिया कि घटना 24 जनवरी 2023 को हुई थी और एफआईआर डेढ़ साल बाद यानी 19 मई 2024 को दर्ज की गई थी। पुलिस ने देर से और दुर्भावनावश साजिश के तहत एफआईआर दर्ज की है। तथ्यों को मनगढ़ंत बताते हुए एफआईआर रद्द किए जाने की मांग की गई। राज्य के वकील ने पक्ष रखा कि कथित तौर पर मृतक द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट बरामद किया गया, जिसे हस्तलेखन विशेषज्ञ से जांच कराने के लिए भेजा गया है और रिपोर्ट का अभी भी इंतजार है। कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील को निर्देश दिए कि उक्त विशेषज्ञ रिपोर्ट की एक प्रति प्राप्त होने पर उसे प्रस्तुत करें और मामले को तीन सप्ताह बाद फिर से सूचीबद्ध किया जाए और पूर्व में दी गई अंतरिम राहत अगली सुनवाई की तारीख तक जारी रहेगी।