प्रमोद कुमार/कैमूर।
बिहार बदलाव यात्रा के दौरान जन सुराज के रणनीतिकार प्रशांत किशोर कैमूर जिले के भभुआ स्थित पटेल कॉलेज मैदान में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने बिहार की मौजूदा राजनीतिक स्थिति और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार में आज के हालात लोक तंत्र के नहीं, बल्कि लाठी तंत्र के तहत चल रहे हैं। उनका कहना था कि जो भी इस व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाएगा, उसे लाठियां खानी पड़ेंगी, लेकिन इस बार बिहार की जनता वोट के जरिए इस व्यवस्था को चुनौती देगी और अपनी आवाज उठाएगी।

नीतीश सरकार ने बरसाई है लाठियां

प्रशांत किशोर ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले कुछ वर्षों में राज्य के विभिन्न वर्गों शिक्षकों, छात्रों, सरपंचों, रसोइयों, आशा कार्यकर्ताओं और महिलाओं पर लाठियां बरसाई हैं। उन्होंने दावा किया कि पिछले तीन सालों में बिहार सरकार ने 80 से ज्यादा वर्गों पर लाठियां बरसाईं हैं। इस दौरान उन्होंने कहा कि जन सुराज आंदोलन के कारण पटना में लाठियां चलाने की घटनाएं कम हुई हैं, और अब जनता इस बार वोट के जरिए इसका जवाब देगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस बार नीतीश कुमार का सफाया हो जाएगा।

काले दौर से गुजर रहे बिहार के लोग

प्रशांत किशोर ने मीडिया से बातचीत करते हुए बिहार में हो रहे पलायन पर भी गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को एक काले दौर से गुजरना पड़ रहा है, जहां हरियाणा के किशनगंज जिले का 15 वर्षीय बच्चा डेढ़ महीने तक बंधक बनकर काम करता रहा। जब बच्चे का हाथ घांस काटते हुए कट गया, तो उसे वहां से भगा दिया गया। किशोर ने आरोप लगाया कि भाजपा की सरकार इस मामले में चुप है, क्योंकि हरियाणा में भाजपा की सरकार है। उन्होंने यह सवाल उठाया कि भाजपा बिहार में वोट मांगती है, लेकिन बिहार की जनता के साथ इस तरह का व्यवहार क्यों हो रहा है?

जनता के पैसों पर रैलियां की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी बिहार आए, लेकिन उन्होंने बिहार की जनता के पैसों पर रैलियां कीं। उन्होंने कहा कि वह बिहार के मजदूरों के लिए एक ट्रेन शुरू करेंगे, ताकि वे गुजरात में काम करने जा सकें। लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि बिहार को रोजगार देने के लिए कब फैक्ट्रियां लगेंगी, और पलायन को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?” प्रशांत किशोर ने इस दौरान यह भी कहा कि बिहार की जनता अब केवल ट्रेन या बस नहीं, बल्कि विकास और रोजगार चाहती है।

50% टैरिफ को लेकर बोले पीके

उन्होंने भारत सरकार की विदेश नीति पर भी सवाल उठाए, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ को लेकर। उन्होंने कहा कि एक तरफ भाजपा अपने आप को ‘विश्व गुरु’ बताती है और दूसरी तरफ अमेरिका जैसे देशों से भारत पर भारी टैरिफ लगवाने का सामना कर रही है।

प्रशांत किशोर ने अंत में कहा कि बिहार बदलाव यात्रा का उद्देश्य राज्य के लोगों को जागरूक करना है, ताकि वे इस तानाशाही व्यवस्था को खत्म कर सकें और राज्य में एक सशक्त और प्रगतिशील समाज की नींव रख सकें।