दिनेश द्विवेदी,कोरिया। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी जाति विवाद के मामले में पूरी तरह फंसे हुए नजर आ रहे हैं, तो वहीं जाति विवाद का एक और मामला सामने आया है. दरअसल मनेन्द्रगढ़ से कांग्रेस विधायक डाँ. विनय जायसवाल अपनी जाति को लेकर विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं. खंड़गवा निवासी सुमंत गांगुली ने उनके खिलाफ मनेंद्रगढ़ कोर्ट में परिवाद दायर किया है कि डॉ. विनय जायसवाल ने एमबीबीएस करने के लिए ओबीसी का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया था. जिसकी सुनवाई कोर्ट में 19 सितंबर को होगी.
मनेन्द्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल ने स्वीकार किया है कि उन्हें कोर्ट की नोटिस मिला है. जिसका वे जवाब देंगे. वहीं अन्य एक मामले में अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी का जाति मामला अभी चल ही रहा है था कि मनेंद्रगढ़ के कांग्रेस विधायक डॉ. विनय जायसवाल की जाति पर सवाल उठ रहा है. कोरिया जिले के खड़गवां निवासी सुमंत गांगुली ने विधानसभा चुनाव के पहले 2018 में खड़गंवा थाने में शिकायत की थी. लेकिन थाने में इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो सुमंत गांगुली ने मजिस्ट्रेट के यहां अर्जी लगाई. मजिस्ट्रेट ने इसे खारिज कर दिया था. इसके बाद उन्होंने प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायालय मनेंद्रगढ़ में रिवीजन लगाते हुए कोर्ट से फरियाद की कि विधायक ने फर्जी कागजात के जरिये पिछड़ा वर्ग का प्रमाण पत्र बनवाया है. कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए विधायक को नोटिस जारी कर दिया है.
विधायक विनय जायसवाल ने इसे राजनीति षडयंत्र बताया है. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि मुझे जाति मामले को लेकर न्यायालय से नोटिस प्राप्त हुआ है. जाति को लेकर मेरे ऊपर लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित हैं छत्तीसगढ़ के राजपत्र में सभी जायसवाल सरनेम के अंतर्गत आने वाली उपजाति पिछड़ा वर्ग में आती हैं 19 सितम्बर को न्यायालय में इस मामले में उचित जवाब दिया जाएगा.