रायपुर. राज्य में पांच वर्ष तक के कुपोषित एवं एनिमिया पीड़ित बच्चों और एनिमिक महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार लाने के उद्देश्य से दो अक्टूबर महात्मा गांधी के जन्म दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूवात की जाएगी. अभियान के तहत चिन्हित हितग्राहियों को निःशुल्क पौष्टिक भोजन प्रदाय किया जाएगा. अभियान की कार्ययोजना-रूपरेखा के निर्माण के लिए मुख्य सचिव सुनील कुजूर की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में बैठक का आयोजन किया गया.
मुख्य सचिव ने कहा है कि अभियान के तहत दिए जाने वाले पौष्टिक भोजन की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए. स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पोषक खाद्य पदार्थों का उपयोग करने के निर्देश भी दिए गए है. मुख्य सचिव ने अभियान के तहत लाभ दिए जाने वाले हितग्राहियों की विस्तृत जानकारी रखने के निर्देश दिए है. उन्होंने कुपोषित और एनिमिया पीड़ित बच्चों के लिए अलग-अलग मेनू बनाने के निर्देश दिए हैं. इसी तरह एनिमिक महिलाओं के लिए भी विशेष रूप से मेनू का निर्धारण करने कहा.
अभियान प्रारंभ होने के निश्चित समय-सीमा के बाद हितग्राहियों के स्वास्थ्य में हो रहे परिवर्तन की भी जानकारी ग्राम स्तर पर रखी जाए. मुख्य सचिव ने अभियान के तहत लाभान्वित होने वाले हितग्राहियों की जानकारी, अभियान के दौरान दिए जाने वाले पौष्टिक भोजन की सारणी, विभिन्न विभागों द्वारा संचालित की जाने वाली गतिविधियों एवं अन्य व्यवस्थाओं की विस्तृत जानकारी और अभियान की विस्तृत रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए है. बैठक के दौरान ही मुख्य सचिव ने कोरबा जिले के महिला बाल विकास अधिकारी से फोन के माध्यम से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत चलाए जा रहे कार्यक्रम प्रबल के विषय में जानकारी ली.
बैठक में बताया गया कि एन.एफ.एच.एस.-4 (2015-16) (राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-4) के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में पांच वर्ष के कम आयु के लगभग 37.7 प्रतिशत बच्चें कुपोषित है। जबकि देश में 35.7 प्रतिशत कुपोषित बच्चों का औसत दर्ज है. उसी तरह 15 से 49 वर्ष की 47 प्रतिशत महिलाएं एनिमिया से पीड़ित है. जबकि भारत में 53.1 प्रतिशत महिलाओं को एनिमिक दर्ज किया गया है। कुपोषण एवं एनिमिया को जड़ से समाप्त करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का संचालन किया जाएगा. अभियान के तहत प्रथम चरण में राज्य के समस्त जिलों में तीन वर्ष के लिए कार्यक्रम का संचालन किया जाएगा. अभियान में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, नगरीय प्रशासन, खाद्य, शिक्षा, उद्यानिकी, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और महिला एवं बाल विकास विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी.
कुपोषण एवं एनिमिया के उन्नमूलन के लिए प्रदेश के कोरबा और कोरिया सहित तीन जिलों में जिला खनिज न्यास निधि का उपयोग करते हुए विशेष रूप से छह माह के लिए अभियान चलाया जा रहा है. सुपोषित अभियान के तहत कुपोषित बच्चों, गर्भवती महिलाओं और किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य में सुधार के लिए गर्म भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. कोरबा जिले के विकासखण्ड कटघोरा में प्रबल अभियान के तहत किशोरी बालिकाओं, गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है. कोरिया जिले में सुराजी सुपोषित अभियान के तहत जिले भर के 15 से 49 वर्ष की कुपोषित एवं एनिमिक महिलाओं के लिए कार्यक्रम चलाया जा रहा है.
बैठक में अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास आर.पी. मण्डल, प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग मनोज पिंगवा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय गौरव द्विवेदी, सचिव महिला एवं बाल विकास सिद्धार्थ कोमल परदेशी, सचिव वित्त शहला निगार, सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी डी.डी. सिंह, विशेष सचिव खनिज साधन अन्बलगन पी. विशेष सचिव नगरीय प्रशासन अलरमेल मंगई डी. सहित महिला बाल विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.