12वीं के छात्र का यौन शोषण करने के मामले में आरोपित शिक्षिका की जमानत याचिका रेवाड़ी की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने खारिज कर दी। जमानत याचिका छह अगस्त को खारिज हुई थी, लेकिन फैसले की कॉपी अब सामने आई है, जिसमें किसिंग सीन में दोनों की सहमति दिखने की दलील को कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया।

कोर्ट ने कहा कि छात्र नाबालिग है, इसलिए यह दलील यहीं खत्म हो जाती है। अधिवक्ता का कहना था कि जिस प्रकार से वीडियो में छात्र और शिक्षिका के किसिंग सीन हैं, उससे नहीं लगता कि छात्र का किसी प्रकार का शोषण किया है। होटल का रिकॉर्ड भी बता रहा है कि किसी प्रकार की जबरदस्ती नहीं हुई है। वीडियो में दबाव नहीं सहमति दिख रही है।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कहा कि दोनों के बीच शिक्षक और छात्र का रिश्ता नहीं था। आरोपित शिक्षिका प्राइमरी सेक्शन को पढ़ाती थी, जबकि पीड़ित छात्र 12वीं में पढ़ता था। ऐसे में छात्र-शिक्षिका का रिश्ता नहीं कहा जा सकता है। फास्ट ट्रैक कोर्ट में न्यायाधीश लोकेश गुप्ता ने जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि शिक्षिका ने अपनी उम्र और शिक्षका-छात्र के पवित्र रिश्ते का ध्यान नहीं रखा।

अग्रिम जमानत याचिका भी हो चुकी थी खारिज

उल्लेखनीय है कि इससे पहले गिरफ्तारी से बचने के लिए शिक्षिका ने फास्ट ट्रैक कोर्ट और हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी, लेकिन दोनों ही जगह से याचिका खारिज हो गई। इसके बाद 21 जून को पुलिस ने शिक्षिका को गिरफ्तार कर लिया था। उसके बाद से वह न्यायिक हिरासत में है। 13 मार्च को धारूहेड़ा में मुकदमा दर्ज किया गया था।

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