पटना। बिहार की सियासत में चुनावी रंग चढ़ने लगा है। 17 अगस्त से महागठबंधन की महत्वाकांक्षी ‘वोट अधिकार यात्रा’ की शुरुआत होने जा रही है। इस यात्रा का उद्देश्य मतदाता अधिकारों के मुद्दे पर लोगों को जागरूक करना और चुनाव आयोग द्वारा कथित ‘SIR’ फर्जीवाड़े के खिलाफ संदेश देना है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पहले दिन यात्रा में मौजूद रहेंगे।
रोहतास जिले से होगा आगाज
यात्रा का आगाज रोहतास जिले से होगा। उद्घाटन के मौके पर एक बड़ी आमसभा होगी, जिसके बाद यात्रा औरंगाबाद पहुंचेगी। वहां कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र में रात्रि विश्राम होगा। अगले दिन सुबह यात्रा देव मंदिर होते हुए रफीगंज, फिर गया और नवादा होते हुए आगे बढ़ेगी। यह 15 दिनों तक चलेगी और पटना में इसका समापन होगा।
‘थीम सॉन्ग’ तैयार
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने इस अभियान के लिए एक खास ‘थीम सॉन्ग’ तैयार किया है। इसे यात्रा शुरू होने से पहले लॉन्च किया जाएगा। इसके लिए 12 या 13 अगस्त को दिल्ली में महागठबंधन की संयुक्त बैठक बुलाई गई है। बैठक में थीम सॉन्ग और ‘वोट चोरी’ पर आधारित लोगो को लॉन्च करने की रणनीति तय की जाएगी। बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसे सार्वजनिक किया जाएगा।
ये नेता रहेंगे मौजूद
पहले दिन राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ महागठबंधन के अन्य बड़े नेता भी मंच साझा कर सकते हैं। चर्चा है कि एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार, शिवसेना (उद्धव) प्रमुख उद्धव ठाकरे और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी पहले दिन यात्रा में शामिल हो सकते हैं।
सभी छह घटक दल हिस्सा लेंगे
बिहार में इंडिया गठबंधन के सभी छह घटक दल इस यात्रा में हिस्सा लेंगे। हालांकि, अगर किसी दल को बीच में संगठनात्मक काम के कारण अलग होना पड़े, तो अन्य सहयोगी यात्रा को जारी रखेंगे। पूरे शेड्यूल और रूट मैप की जानकारी जल्द जारी की जाएगी।
लोगों को जागरूक करेगा
इस यात्रा के माध्यम से महागठबंधन गांव-गांव और कस्बों में जाकर वोट की ताकत और उसे सुरक्षित रखने के महत्व पर लोगों को जागरूक करेगा। 7 अगस्त को राहुल गांधी के आवास पर इंडिया गठबंधन की बैठक में इस यात्रा की रूपरेखा और प्रचार रणनीति पर विस्तृत चर्चा हुई थी। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सभी सहयोगियों को यात्रा में सक्रिय रूप से शामिल होने का आमंत्रण दिया था।
चुनावी समीकरणों पर डाल सकती सीधा असर
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह यात्रा महागठबंधन के लिए एक बड़ा राजनीतिक संदेश देने का मंच साबित हो सकती है और बिहार में चुनावी समीकरणों पर सीधा असर डाल सकती है।
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