पटना. जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली और केंद्र सरकार की नीयत पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। उन्होंने SIR (Systematic Investigation of Rolls) प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग से जवाब मांगा है और गृहमंत्री अमित शाह के हालिया बयान पर भी तीखा पलटवार किया।

प्रशांत किशोर ने कहा कि “पूरे विपक्ष और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने तथ्यों के साथ सार्वजनिक तौर पर बात रखी है। चुनाव आयोग को चाहिए कि वह उन तथ्यों की जांच करे और फिर जनता के सामने पारदर्शिता के साथ अपना पक्ष रखे। यह लोकतंत्र की बुनियादी अपेक्षा है।”

23 साल बाद SIR क्यों?- प्रशांत किशोर का सवाल

प्रशांत किशोर ने चुनाव आयोग द्वारा हाल ही में शुरू की गई SIR (Systematic Investigation of Rolls) प्रक्रिया पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि “23 साल बाद चुनाव आयोग इस तरह की प्रक्रिया कर रहा है। उन्हें ये बताना पड़ेगा कि ऐसा अचानक क्यों किया जा रहा है? इस प्रक्रिया के पीछे की वजह क्या है? क्या यह निष्पक्ष है या किसी दबाव में किया जा रहा है?”

उन्होंने कहा कि जब SIR जैसी प्रक्रिया होती है, तो यह सवाल उठता है कि किन आधारों पर और किन क्षेत्रों में मतदाता सूची की जांच हो रही है, और क्या यह राजनीतिक रूप से प्रेरित तो नहीं?

घुसपैठिए आ गए तो जिम्मेदार कौन?– गृह मंत्री को घेरा

प्रशांत किशोर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान पर भी पलटवार किया जिसमें उन्होंने कहा था कि बांग्लादेश और नेपाल से घुसपैठिए आकर वोटर बन गए हैं।”अगर अमित शाह जी कह रहे हैं कि नेपाल और बांग्लादेश से घुसपैठिए आकर वोट बनवा लिए, तो सवाल उठता है – क्या यह सब केंद्र और राज्य में आपकी सरकार रहते हुआ? गृह मंत्रालय और पुलिस आपके पास है, तो फिर आप क्या कर रहे थे?”

उन्होंने तंज करते हुए कहा कि अगर घुसपैठिए वोटर बन गए हैं, तो यह प्रशासनिक और राजनीतिक विफलता का मामला है, और इसके लिए किसी और को नहीं, खुद सरकार को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।

विपक्षी एकता की तरफ इशारा

प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि अब जब राहुल गांधी और विपक्षी दल संगठित होकर चुनाव आयोग से जवाब मांग रहे हैं, तो आयोग को अपनी निष्पक्षता सिद्ध करनी होगी।”यह केवल एक दल का मामला नहीं है, बल्कि देश के लोकतंत्र का सवाल है। चुनाव आयोग की साख दांव पर है और अब उसे चुप्पी नहीं, बल्कि कार्यवाही करनी होगी।”