पटना। बिहार सरकार ने राज्य के शहरी प्रशासन को मजबूत और चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने पटना की तर्ज पर राज्य के 18 नगर निगमों में अंचल गठन का निर्णय ले सकते है। यह अंचल आबादी और क्षेत्रफल के आधार पर बनाए जाएंगे। नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने नालंदा, भोजपुर, रोहतास, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मुंगेर, गया, पूर्णिया, कटिहार, सारण, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, बेगूसराय, भागलपुर और सहरसा के जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर प्रस्ताव मांगे हैं।

बेहतर प्रशासन के लिए विकेंद्रीकरण

नगर निगमों का क्षेत्रफल और जनसंख्या लगातार बढ़ने के कारण नगर आयुक्तों के लिए सभी वार्डों में विकास कार्यों की निगरानी करना चुनौतीपूर्ण हो गया है। सरकार का मानना है कि अंचल गठन से प्रशासनिक कार्यों का विकेंद्रीकरण होगा, जिससे योजनाओं की गुणवत्ता और कार्यान्वयन की गति में सुधार आएगा। प्रत्येक अंचल में कार्यपालक अभियंता और अन्य जिम्मेदार अधिकारी तैनात होंगे, जो अपने क्षेत्र में विकास कार्यों की देखरेख करेंगे।

पटना मॉडल बनेगा आधार

पटना नगर निगम में पहले से ही छह अंचल प्रणाली लागू है, जिसे सफल मॉडल मानते हुए इसे अन्य नगर निगमों में भी लागू करने का निर्णय हो सकता है। इससे प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी और नागरिकों को अपनी शिकायतें दर्ज कराने और समस्याओं का समाधान पाने में आसानी होगी।

शहरी विकास में मील का पत्थर

विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम न केवल शहरीकरण को गति देगा, बल्कि कूड़ा प्रबंधन, जलापूर्ति और ड्रेनेज जैसी बुनियादी सुविधाओं में भी सुधार लाएगा। इससे भ्रष्टाचार पर भी अंकुश लगने की संभावना है। हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि इससे राजनीतिक हस्तक्षेप का नया रास्ता भी खुल सकता है।

प्रस्ताव भेजने को कहा

विभाग ने सभी जिलाधिकारियों से जल्द से जल्द अंचल गठन के प्रस्ताव भेजने को कहा है। अगर योजना समय पर लागू होती है, तो यह बिहार में शहरी प्रशासन और विकास के नए युग की शुरुआत साबित हो सकती है।

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