केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को तीन बड़े फैसले लिए गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 18,541 करोड़ रुपये की योजनाओं की मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्रीमंडल ने देश में चार नए सेमीकंडक्टर परियोजनाओं की मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं पर करीब 4,594 रुपये खर्च किए जाएंगे। ये परियोजनाएं ओडिसा, पंजाब और आंध्र प्रदेश में शुरू होंगे। इसके अलावा लखनऊ मेट्रो के फेस 1B को मंजूरी दी गई है, जिसके लिए 5801 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है. ताटो -II हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट 700 MW को मंजूरी मिली है, जिसके लिए 8146 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “चार नई सेमीकंडक्टर परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. ऐसी 6 परियोजनाएं पहले ही स्वीकृत हो चुकी हैं और आज इसमें चार नई परियोजनाएं जोड़ी गई हैं. ये ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पंजाब में हैं, जिन पर 4,594 करोड़ रुपये का निवेश होगा.” उन्होंने कहा कि लखनऊ एक बड़ा शहर है. यहां मेट्रो की बहुत जरूरत है इसलिए लखनऊ मेट्रो के चरण 1B को 5,801 करोड़ रुपये के निवेश की मंजूरी दी गई है.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “भारत स्वच्छ विकास और स्वच्छ ऊर्जा के प्रति प्रतिबद्ध है. इस संबंध में आज 8,146 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 700 मेगावाट की ताटो II हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई.”

केंद्र सरकार के मुताबिक भारत जल्द ही ग्लोबल सेमीकंडक्टर मार्केट में एक अहम भूमिका निभा सकता है. केंद्र सरकार ने रविवार (10 अगस्त 2025) को कहा कि 2023 में भारत का सेमीकंडक्टर बाजार लगभग 38 अरब डॉलर का था. यह 2024-25 तक बढ़कर 45 से 50 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है. 

केंद्र सरकार ने कहा कि ग्लोबल पार्टनरशिप, पॉलिसी सपोर्ट और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग में बढ़ोतरी के साथ भारत इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है. भारत का चिप इकोसिस्टम तेजी से विकसित हो रहा है. सरकार के अनुसार देश के कई भागों में बड़े निवेश की घोषणा की गई है.

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