Constitution Club Of India Election Result: दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया चुनाव में एक बार फिर बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी का दबदबा देखने को मिला है। CCI चुनाव में बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी ने अपने पार्टी के ही नेता संजीव बालियान को हराया। रूडी को 392 वोट मिले तो बालियान को 290 सीट ही मिली। 100 से ज्यादा वोटों के अंतर से रूडी ने जीत दर्ज की है। इस तरह पिछले 25 वर्ष से कॉन्स्टिट्यूशन क्लब पर राजीव प्रताप रूडी का दबदबा कायम हैं।
साथ ही खेल सचिव पद पर राजीव शुक्ला, संस्कृति सचिव के पद पर तिरुचि शिवा ओर कोषाध्यक्ष के पद पर जितेंद्र रेड्डी निर्विरोध चुने गए। चुनाव में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित कई दिग्गज नेता मतदान में शामिल हुए।
चुनाव में 700 से ज्यादा सदस्यों ने वोटिंग की। रूडी को 392 वोट मिले तो बालियान को 290 सीट ही मिली। इस तरह 100 से ज्यादा वोटों के अंतर से रूडी ने जीत दर्ज की। इस बार का चुनाव बेहद दिलचस्प रहा। एक ही पार्टी के दो वरिष्ठ नेता सचिव पद के लिए मुकाबला किए लेकिन, राजीव प्रताप रूडी ने अपने जीत के रिकॉर्ड को कायम रखा। उन्होंने पहली बार 1999 में सचिव पद का चुनाव जीता था।
चुनाव में मिली जीत के बाद क्या बोले राजीव प्रताप रूडी?
राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि ये जीत मेरे पैनेल की जीत है। शायद मैं एक हज़ार से ज्यादा वोटों से जीता हूं। अगर ऐसा है तो इसे 1000 मतदाताओं से गुणा किया जाए, तो संख्या 1 लाख तक पहुंचती है। मेरे पैनल में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और निर्दलीय सांसद थे। मुझे अपने बीते दो दशक की मेहनत का नतीजा मिला है।
संजीव बालियान ने रूडी को दी चुनौती
दरअसल लोकसभा सदस्य निशिकांत दुबे जैसे कुछ बीजेपी नेताओं के समर्थन से बाद संजीव बालियान ने रूडी को चुनौती देने का फैसला किया था। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बता दें, कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में सचिव पद के लिए 20 साल बाद चुनाव हो रहा था। ऐसे में इसको लेकर चर्चाएं तेज हो गई थीं। बीजेपी के ही सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान आखिरी समय में उम्मीदवार बने थे। इसके पहले राजीव प्रताप रूडी चार बार निर्विरोध इस पद पर जीत चुके थे। दोनों नेताओं ने जमकर प्रचार किया और सांसदों ने भी पार्टी लाइन से हटकर वोटिंग की।
कब हुई थी इस क्लब की स्थापना?
फरवरी 1947 में भारतीय संविधान सभा के सदस्यों के मेल-जोल बढ़ाने और क्लब जीवन की सुविधाएं देने के मकसद से इस क्लब की स्थापना की गई थी। आजादी के बाद इसको सांसदों के क्लब के रूप में मान्यता दी गई। हालांकि इसका औपचारिक उद्घाटन साल 1965 में राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने किया था। इस समय करीब 1300 पूर्व और वर्तमान संसद सदस्य इसके सदस्य हैं। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी का नाम भी इसके सदस्यों में शामिल हैं।
कौन होता है कॉन्स्टिट्यूशन क्लब का सदस्य?
कॉन्स्टिट्यूशन क्लब के सदस्य केवल पूर्व और वर्तमान सांसद ही हो सकते हैं। इस क्लब की स्थापना उस समय हुई थी, जब देश आजाद भी नहीं हुआ था। इसका रजिस्ट्रेशन 2002 में सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत कराया गया था। लोकसभा अध्यक्ष इस क्लब के पदेन अध्यक्ष होते हैं, लेकिन क्लब के कार्यकारी कामकाज में सचिव की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
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