विपक्ष की भूमिका को लेकर एक अहम बयान देते हुए पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने स्पष्ट किया कि “विपक्ष का मतलब सिर्फ विरोध नहीं, बल्कि देश के संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करना है।” उन्होंने कहा कि जब गरीबों के अधिकारों का हनन होता है, तब विपक्ष की आवाज़ उठाना उसकी जिम्मेदारी बनती है।

विपक्ष को चुप नहीं बैठना चाहिए।

पप्पू यादव ने कहा,“विपक्ष का मतलब है इस देश के संविधान की रक्षा, लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा, हर गलत परंपरा के खिलाफ आवाज़ उठाना, मृतप्राय सरकार को जगाना और जो संविधान की शपथ उन्होंने ली है, उसे याद दिलाना। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब देश के आम नागरिक, विशेषकर गरीब और युवाओं के अधिकारों पर हमला होता है, तब विपक्ष को चुप नहीं बैठना चाहिए।

ज़िम्मेदारियों को लेकर गंभीर

उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रशंसा करते हुए कहा कि राहुल गांधी की राजनीति सिर्फ़ सत्ता की राजनीति नहीं है, बल्कि वह अपने कर्तव्यों और ज़िम्मेदारियों को लेकर गंभीर हैं। राहुल गांधी जी के आचरण, विचारों और कर्तव्यों में राजनीति नहीं है, वो अपने दायित्व की बात करते हैं।

पप्पू यादव ने मौजूदा राजनीति पर भी सवाल खड़े किए

पप्पू यादव ने मौजूदा राजनीति पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि आज की राजनीति ट्वीट और मौके पर आधारित हो गई है – “किस घटना से राजनीतिक फायदा होगा, उसी पर ध्यान दिया जा रहा है।” इसके उलट, उन्होंने राहुल गांधी की “भारत जोड़ो यात्रा” की मिसाल देते हुए कहा कि “उनकी राजनीति 10,000 किलोमीटर चलने की है। मणिपुर से गुजरात, कश्मीर से कन्याकुमारी तक, वो अनवरत इस देश की यात्रा पर हैं।”

सांसद ने आगे कहा कि आज के दौर में विपक्ष की भूमिका और ज़िम्मेदारी पहले से कहीं ज़्यादा बड़ी है, क्योंकि जनता के सवाल पूछने पर अगर सरकार जवाबदेह नहीं है, तो विपक्ष को उनका प्रतिनिधि बनना होगा।

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