Sun Arghya: हिन्दू धर्म में सूर्य और चंद्र को अर्घ्य देना एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है. यह न केवल आध्यात्मिक बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी फायदेमंद माना जाता है. ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि कुछ विशेष परिस्थितियों में सूर्य को अर्घ्य नहीं देना चाहिए. ऐसा करना व्यक्ति के लिए हानिकारक हो सकता है.
यह आम धारणा है कि सूर्य को अर्घ्य देना हर व्यक्ति के लिए शुभ होता है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह हमेशा सही नहीं होता. कुछ विशेष परिस्थितियों में व्यक्ति को सूर्य को अर्घ्य देने से बचना चाहिए. ऐसा इसलिए है क्योंकि कुछ ग्रहों का आपस में शत्रुता का संबंध होता है, और जब ये ग्रह किसी व्यक्ति की कुंडली में नकारात्मक प्रभाव डालते हैं, तो उनके संबंधित अनुष्ठान करना हानिकारक हो सकता है.
Also Read This: Kaal Sarp Dosh: क्या है कालसर्प दोष के लक्षण, जानिए इससे छुटकारा पाने के आसान उपाय

Sun Arghya
किन लोगों को सूर्य को अर्घ्य नहीं देना चाहिए (Sun Arghya)
सूर्य की अंतर्दशा और महादशा: यदि आपकी कुंडली में सूर्य और शनि का योग है और उनकी अंतर्दशा या महादशा चल रही है, तो सूर्य को अर्घ्य देने से बचना चाहिए. इस अवधि में सूर्य को जल चढ़ाने से शनि के नकारात्मक प्रभाव बढ़ सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं और पिता के साथ संबंध खराब हो सकते हैं.
यदि आपकी कुंडली में सूर्य और राहु एक साथ हैं, तो सूर्य ग्रहण योग बनता है. इस योग में सूर्य को अर्घ्य देने से मानसिक तनाव, मानहानि और सरकारी कामों में बाधा आ सकती है.
अगर आपकी कुंडली में सूर्य और केतु एक साथ हैं, तो यह भी शुभ नहीं माना जाता. इस योग में सूर्य को अर्घ्य देने से व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां और पिता के साथ संबंध में तनाव हो सकता है.
Also Read This: रुद्राक्ष धारण करने से पहले जानिए ये जरूरी नियम, जो हर किसी को पता होने चाहिए
यदि आपकी कुंडली में सूर्य नीच राशि (तुला) में है, तो सूर्य को अर्घ्य देना हानिकारक हो सकता है. यह आपके आत्मविश्वास को कम कर सकता है और आपको कार्य में सफलता नहीं मिलेगी.
सूर्य अष्टम भाव में: यदि सूर्य आपकी कुंडली के आठवें भाव में है, तो यह अशुभ माना जाता है. इस स्थिति में सूर्य को अर्घ्य देने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं.
सूर्य छठे भाव में: यदि सूर्य छठे भाव में है, तो शत्रु और रोग बढ़ सकते हैं. अपनी कुंडली में सूर्य की स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी से सलाह लेना उपयोगी होता है.
चंद्र को अर्घ्य” यदि आप सूर्य को अर्घ्य देने को लेकर असमंजस में हैं, तो आप चंद्रमा को अर्घ्य दे सकते हैं. चंद्र को अर्घ्य देने से मन को शांति मिलती है, तनाव कम होता है और रिश्तों में मधुरता आती है.
Also Read This: ‘गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की नहीं कोई योजना’, सरकार ने संसद में दी जानकारी
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें