मनेंद्र पटेल, दुर्ग। भुइयां एप हैकिंग मामले के मामले में दुर्ग जिले के तीन थानों में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया गया है. कुम्हारी, अमलेश्वर और नन्दनी थाने में अज्ञात हैकर और लोन लेने वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. यह कार्रवाई एक-दो नहीं बल्कि 765 एकड़ निजी और सरकारी जमीन के खसरा नंबर में की गई गड़बड़ी पर की गई है.
इस पूरे मामले में एसबीआई बैंक प्रबंधन की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है. इस पूरे मामले का खुलासा एक व्यक्ति ने इन्हीं भूमि के एवज में HDFC बैंक में लोन के लिए अप्लाई किया था. मामले में संलिप्तता पाए जाने के बाद दो पटवारियों को निलंबित किया गया है, वहीं 18 पटवारियों का दूसरे हलकों में तबादला किया गया है.

दरअसल, दुर्ग जिले के मुरमुंदा पटवारी हलका से जुड़े मुरमुंदा गांव, अछोटी गांव, चेटुवा और बोरसी गांव में 765 एकड़ जमीन के रिकार्ड में हेर-फेर किया गया है. इसमें आधी जमीन सरकारी और बाकी जमीन निजी है. शासकीय और निजी जमीन का फर्जी तरीके बटांकन कर अलग-अलग व्यक्तियों के नाम दर्ज कर दिया गया. यही नहीं फर्जी रिकार्ड के आधार पर कई लोगों ने बैंकों से लोन भी ले लिया है.
बेशकीमती शासकीय जमीनों पर 52 बोगस खसरा नंबर जारी कर 765 एकड़ जमीन के रिकार्ड में हेराफेरी की गई है. उक्त जमीन का बड़ा हिस्सा मुख्य मार्गों से लगा है. ऐसे में जमीनों के बाजार में वर्तमान कीमत लगभग 500 करोड़ रुपए है.

जमीन के फर्जीवाड़े के तार रायपुर, कोरबा समेत अन्य जिलों से जुड़े होने की आशंका है. प्राथमिक जांच में सामने आया है कि पाटन के पटवारी मनोज नायक और अहिवारा में पदस्थ पटवारी कृष्ण कुमार सिन्हा की आईडी के जरिए जमीन रिकार्ड से छेड़छाड़ की गई है. एनआईसी से मिली जानकारी के बाद दोनों पटवारियों को निलंबित कर दिया गया है.
संभागायुक्त ने कही थी एफआईआर की बात
दुर्ग संभागायुक्त सत्यनारायण राठौर ने 765 एकड़ जमीन के खसरे में गड़बड़ी पर एफआईआर दर्ज कराने की बात एक दिन पहले ही की थी. दर्ज एफआईआर पर जांच के दौरान गिरोह में शामिल बाकी लोगों का पता लगाया जाएगा, जिसके बाद यथोचित कानूनी कार्रवाई करने की बात कही थी.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें