SG Tushar Mehta On Delhi-NCR Stray Dogs Case: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाने और शेल्टर होम्स में रखने का फैसला सुनाया था। इसी को लेकर बहस छिड़ गई। कई लोग इसके पक्ष में तो कई विरोध में खड़े हो गए। लोगों के विरोध के बाद 3 जजों की बेंच ने फिर से मामले को सुनते हुए फिलहाल आदेश सुरक्षित रख लिया है। मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि चिकन-मीट खाने वाले खुद को एनिमल लवर बता रहे हैं। उनकी बात को तरजीह क्यों दी जा रही है।
दरअसल सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि नगर निगम ने नियमों का पालन नहीं किया और कुत्तों की आबादी बढ़ीष अब लोग उन्हें खाना देते हैं तो आपत्ति की जा रही है।
इस दौरान दिल्ली सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने 11 अगस्त के आदेश का विरोध करने वालों पर भी सवाल उठाए और कहा कि कुछ लोग यहां मीट खाकर खुद को एनिमल लवर बता रहे हैं। दिल्ली सरकार ने गुरुवार (14 अगस्त 2025) को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि कुत्तों के काटने से हर साल देश में 18 हजार से ज्यादा मौतें हो रही है।
एसजी तुषार मेहता ने कहा कि बच्चों की मौत के ऐसे वीडियो हैं जो देखे नहीं जा सकते। हर साल 37 लाख और 10 हजार रोजाना डॉग बाइट के मामले सामने आते हैं, जो चिंता की बात है। उन्होंने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) का हवाला देते हुए कहा कि हर साल 305 मौत रेबीज की वजह से होती हैं। उन्होंने कहा कि यहां कोई कुत्तों को मारने की बात नहीं कर रहा। उन्हें आबादी से दूर करने की बात हो रही है।
एसजी मेहता की दलील पर एक याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि पहली बार सॉलिसिटर से सुना है कि एक कानून है, जिसकी अवहेलना कर दी जाए. एसजी मेहता ने इस पर कहा, ‘मैंने ऐसा नहीं कहा। कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि जो कानून है, उसका नगर निगम ने पालन नहीं किया। कुत्तों की आबादी बढ़ी। अब कुछ लोग उन्हें खाना देते हैं तो आपत्ति की जा रही है।
11 अगस्त को कोर्ट ने क्या फैसला दिया था
11 अगस्त को जस्टिस जेबी पारडीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने नगर निगम के अधिकारियों को आदेश दिया था कि दिल्ली एनसीआर के सभी कुत्तों को शेल्टर होम भेजा जाए। इस फैसले से एनिमल एक्टिविस्ट नाराज हो गए और वह इसका विरोध कर रहे हैंष मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई के सामने भी यह मामला रखा गया और आज तीन जजों की नई बेंच ने मामले पर सुनवाई कीष बेंच में फैसला सुनाने वाले जज शामिल नहीं हैं।
जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता में जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया ने सुनवाई की। बेंच के सामने दिल्ली सरकार का पक्ष रखते हुए एसजी तुषार मेहता ने कहा, ‘मुखर अल्पसंख्यक और शांत बहुसंख्यक हर जगह हैं। मेजोरिटी शांति से सहता रहता है। यहां लोग चिकन, मीट, अंडे खाकर खुद को एनिमल लवर बता रहे हैं।
यह भी पढ़ेंः- ‘एक मूर्ख की वजह से देश इतना नुकसान नहीं झेल सकता…,’ किरेन रिजिजू का राहुल गांधी पर करारा वार, बोले- अब हर बिल पास कराएगी सरकार
Follow the LALLURAM.COM MP channel on WhatsApp
https://whatsapp.com/channel/0029Va6fzuULSmbeNxuA9j0m
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक