पटना। जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा मस्जिद और दरगाहों पर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर तिरंगा फहराने को अनिवार्य करने के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि भारत में झंडा फहराना केवल परंपरा ही नहीं, कानूनी दायित्व भी है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें सेल्यूट करेंगे
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के चेयरमैन हैं। मंदिर हो, मस्जिद हो या देश के भीतर कहीं भी, झंडा फहराने का कानून बना हुआ है। यह हमारे कहने से नहीं होगा। सभी जगह लोग झंडा फहराते हैं। बिहार तो नज़ीर बना है। दलित समुदाय का बुज़ुर्ग व्यक्ति 15 अगस्त को झंडा फहराएगा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उन्हें सेल्यूट करेंगे।
हिंदुस्तान के 140 करोड़ लोगों के दिल में बसता है
नीरज कुमार ने इस दौरान तिरंगे की सार्वभौमिक स्वीकार्यता और सम्मान की बात करते हुए कहा कि जनसंघर्ष की बुनियाद पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और देश के स्वतंत्रता सेनानियों के नेतृत्व में देश ने आजादी प्राप्त की। तिरंगा हमारे सम्मान और स्वाभिमान का प्रतीक है। तिरंगा तो हर जगह नजर आता है। हिंदुस्तान के 140 करोड़ लोगों के दिल में बसता है। ऐसे में तिरंगा यात्रा निकालने से किसी को असहमति क्यों हो सकती है?
मनोज झा के बयान को बताया ‘दुनिया का नौवां आश्चर्य’
नीरज कुमार ने RJD नेता मनोज झा के उस बयान पर भी पलटवार किया जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया की आलोचना करते हुए बांग्लादेश का जिक्र किया था।उन्होंने कहा कि अब SIR के मुद्दे को आप बांग्लादेश से जोड़ रहे हैं। यह तो हद हो गई। बांग्लादेश और पाकिस्तान में तो लोकतंत्र का गला घोंट दिया गया। नेपाल में भी लोकतंत्र का गला घोंटा गया था, लेकिन जब प्रजातंत्र बहाल हुआ… हिंदुस्तान से दुनिया सीखती है। बांग्लादेश क्या हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों के बराबर हो जाएगा? तो यह दुनिया का नौवां आश्चर्य होगा। नीरज ने भारत की विविधता और लोकतांत्रिक ताकत को उजागर करते हुए कहा कि हिंदुस्तान वह खूबसूरत गमला है जहां हर धर्म और हर जाति के फूल खिलते हैं।
मथुरा में ठाकुर जी की पोशाक विवाद पर क्या बोले नीरज कुमार?
मथुरा में ठाकुर जी की पोशाक और श्रृंगार को लेकर छिड़े विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए नीरज कुमार ने कहा कि इस विषय में विवाद की कोई जगह नहीं है, क्योंकि यह परंपरा और श्रद्धा का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि पोशाक पर विवाद क्यों होगा भाई? यह तो परंपरा का एक हिस्सा है। जन्माष्टमी पर इस देश के आम लोग भगवान कृष्ण और वासुदेव के प्रति श्रद्धा निवेदित करते हैं। ऐसे विषय पर शास्त्रार्थ वाले लोग ही सही व्याख्या कर पाएंगे।
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