Share Market: भारतीय शेयर बाजार 2025 में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FII) की भारी बिकवाली के दौर से गुजर रहा है. नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, इस साल अब तक FIIs ने सिर्फ सेकेंडरी मार्केट में 1.52 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेच डाले हैं. साल खत्म होने में अभी चार महीने बाकी हैं, लेकिन यह आंकड़ा भारतीय बाजार के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी बिकवाली बन सकता है.

बड़ी बिकवाली के कारण
विश्लेषकों के मुताबिक, इस रिकॉर्ड तोड़ सेल-ऑफ के पीछे कई अहम वजहें हैं:
- कमजोर कॉर्पोरेट नतीजे – कंपनियों की ग्रोथ उम्मीद से कम रही.
- महंगे वैल्यूएशन – MSCI India का P/E 21.6x है, जो 10 साल के औसत 20x से ज्यादा है.
- जियोपॉलिटिकल अनिश्चितता – अमेरिका-चीन टैरिफ वार और ग्लोबल सप्लाई चेन में बदलाव का असर.
- विदेशी बाजारों का आकर्षण – चीन, यूरोप और अमेरिका में सस्ते वैल्यूएशन और बेहतर रिटर्न की संभावना.
अन्य देशों के मुकाबले भारत की परफॉर्मेंस (2025 में)
- भारत: सेंसेक्स और निफ्टी ~3.5% ऊपर
- अमेरिका: S&P 500 और Nasdaq 12%+ बढ़े
- यूरोप: FTSE 100, CAC, DAX ~20%+ चढ़े
- जापान: निक्केई 18% ऊपर
- एशिया: हांगकांग का हैंगसेंग 29% और चीन का CSI 300 10% ऊपर
IPO में जारी है विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी
हालांकि सेकेंडरी मार्केट से FII पैसा निकाल रहे हैं, लेकिन प्राइमरी मार्केट (IPO) में उनकी सक्रियता बरकरार है.
- कई आईपीओ में 15–20% लिस्टिंग गेन देखने को मिला.
- यूनिक बिजनेस मॉडल्स में लॉन्ग-टर्म निवेश का भरोसा.
- 2024 और 2025 के कई हाई-डिमांड आईपीओ में विदेशी निवेशकों की मजबूत भागीदारी.
आगे का रोडमैप
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले 2–3 क्वार्टर में बाजार की बढ़त सीमित रह सकती है, जबकि गिरावट का खतरा बना रहेगा.
SBI Securities के सीनियर एनालिस्ट सनी अग्रवाल का कहना है –
“अमेरिका-चीन ट्रेड नेगोशिएशन और ग्लोबल टैरिफ नीतियां भारत के एक्सपोर्ट सेक्टर पर दबाव डाल सकती हैं.”
ऐतिहासिक तुलना
- सबसे बड़ा इनफ्लो – 2020 और 2023, ₹1.70 लाख करोड़ से अधिक का नेट इनफ्लो.
- सबसे बड़ा आउटफ्लो – 2025 (अब तक), ₹1.15 लाख करोड़ का नेट आउटफ्लो, और साल खत्म होना बाकी.
- लगातार दबाव – 2022, 2024 और 2025 में FIIs ने भारी बिकवाली की.

वोलैटिलिटी का असर
डेटा साफ दिखाता है कि FII फ्लो साल-दर-साल बेहद अस्थिर रहे हैं. यह उतार-चढ़ाव सीधे तौर पर मार्केट सेंटिमेंट, वैल्यूएशन और निवेशकों के भरोसे को प्रभावित करता है.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें