इस वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त 2025 को पड़ा है, जिसमें 190 साल बाद बेहद दुर्लभ और विशेष ज्योतिषीय संयोग बन रहे हैं. इसमें सबसे खास है राजराजेश्वर योग, जिसके साथ-साथ अमृत सिद्धि योग, गौरी योग और गजलक्ष्मी योग का भी निर्माण होगा. इस संयोग का लाभ विशेष रूप से वृषभ और मिथुन सहित कुल 5 राशियों को मिलेगा.

क्यों है यह संयोग इतना दुर्लभ?

ऐसे ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति 190 साल बाद दोहराई जा रही है. पिछली बार यह संयोग साल 1835, 16 अगस्त को बना था, जब जन्माष्टमी इसी तारीख को मनाई गई थी. उस समय भी चंद्रमा, सूर्य, मंगल और गुरु उसी स्थिति में थे जैसे 2025 में बने हैं — चंद्रमा वृषभ में, सूर्य सिंह में, गुरु मिथुन में, मंगल कन्या में. 1835 के बाद 2025 में पहली बार यह अद्भुत ग्रह स्थिति और योग पुनः बन रही है. इसके चलते इसे प्रामाणिक रूप से 190 साल बाद का दुर्लभ ज्योतिषीय संयोग माना गया है.

वृषभ राशि

करियर में उन्नति, प्रमोशन के मौके, अचानक धन लाभ और प्रॉपर्टी या वाहन की प्राप्ति. वैवाहिक जीवन में सुधार, सुख-समृद्धि एवं मान-सम्मान बढ़ेगा. आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और कारोबार में वृद्धि के संकेत हैं.

मिथुन राशि

नई जिम्मेदारियाँ, नौकरी और व्यापार में विस्तार, बड़े कार्यों में सफलता, मानसिक तनाव में कमी. घर में खुशहाली और पारिवारिक संबंध मजबूत होंगे.

सिंह राशि

साहसिक फैसलों से लाभ, कारोबार में लाभ के अवसर, छोटी दूरी की यात्रा से महत्वपूर्ण फायदा. मान-सम्मान और सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी.

तुला राशि

कानूनी विवादों से राहत, पदोन्नति एवं नए आय के स्रोत, नौकरी में स्थिरता, भाग्य का साथ. गृह सुख, ऐश्वर्य और उच्च पद की प्राप्ति.

कुंभ राशि

निवेश में लाभ, अचानक धन लाभ, विदेशी कनेक्शन से फायदा, शिक्षा एवं प्रतियोगिता में सफलता. मानसिक संतुलन एवं स्वास्थ्य में सुधार.