राजधानी में पहले चरण में 100 अटल कैंटीन(Atal Canteen) के साथ योजना की शुरुआत करने की तैयारी पूरी कर ली गई है, गरीब बस्तियों, झुग्गियों में रहने वाले लोगों के लिए 5 रुपये प्रति प्लेट की दर से भोजन उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली सरकार की अटल कैंटीन अगले महीने से खुल सकती है. जिसका उद्घाटन 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर होने की उम्मीद है. इस योजना के तहत दिल्ली के झुग्गी-झोपड़ी क्षेत्रों, निर्माण स्थलों, बस स्टैंड और बाजारों के नजदीक कैंटीनें खोली जाएंगी, ताकि जरूरतमंद आसानी से भोजन प्राप्त कर सकें. ‘अटल कैंटीन’ का उद्देश्य बेहद कम कीमत पर स्वच्छ और पोषक भोजन उपलब्ध कराना है. दावा किया जा रहा है कि मात्र 5 रुपये में एक थाली में चावल, दाल, सब्जी और रोटी मिलेगी, जो किफायती होने के साथ-साथ गुणवत्ता से भरपूर होगी.
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बीते 11 अगस्त को कैबिनेट मंत्रियों के सामने इस योजना को लेकर अधिकारियों की ओर से एक प्रस्तुति दी जा चुकी है. सूत्रों की मानें तो अगली कैबिनेट बैठक में इसका प्रस्ताव भी लाया जाएगा. सब कुछ ठीक रहा तो अगले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर अटल कैंटीन योजना की शुरुआत हो सकती है.
सरकार के सामने रखी गई योजना के मुताबिक, अटल कैंटीन में 5 रुपये प्रति प्लेट की दर से भोजन उपलब्ध कराया जाएगा. इसके मेन्यू में लगभग रोज बदलाव होते रहेंगे. इसमें चावल-दाल, खिचड़ी, पूड़ी-सब्जी, रोटी-सब्जी समेत अन्य खाद्य पदार्थों को शामिल किया गया है. रोजाना दिन का भोजन उपलब्ध कराया जाएगा. यह कैंटीन जेजे क्लस्टर (झुग्गी-बस्ती), औद्योगिक इलाकों और जहां फैक्ट्रियों में मजदूर वर्ग के लोग काम करते हैं, वहां खोली जाएंगी. इसके संचालन के लिए टेंडर के तहत कंपनी का चयन किया जाएगा.
650 से अधिक झुग्गी बस्तियां: दिल्ली में कुल 650 से अधिक झुग्गी बस्तियां हैं, जिसमें करीब 15 लाख की आबादी रहती है. इस योजना का मकसद इन बस्तियों और गरीब लोगों, दिहाड़ी मजदूरों को रियायती दरों पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है. भाजपा ने अपने घोषणापत्र में भी इसका वादा किया था.
वित्तीय वर्ष 2025-26 में बजट पेश करते हुए इस योजना के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने 100 अटल कैंटीन स्थापित करने के लिए 100 करोड़ रुपये भी आवंटित किए थे.
कई जगह चल रहीं: दिल्ली के साथ राजस्थान, ओडिशा, हरियाणा, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और अन्य कई राज्यों में भी ऐसी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. इन कैंटीनों में लोगों को बेहद सस्ती दरों पर भोजन उपलब्ध कराया जाता है.
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पहले भी चलीं ऐसी योजनाएं
● कांग्रेस सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने जन आहार योजना की शुरुआत की थी, जिसमें 10 से 15 रुपये में भोजन मिलता था. हालांकि, सरकार जाने के साथ यह योजना बंद हो गई.
● वर्ष 2015 में ‘आप’ सरकार ने आम आदमी कैंटीन योजना को मंजूरी दी थी. शुरुआती चरण में 5 से 10 रुपये में सस्ती दरों पर भोजन उपलब्ध कराया गया. हालांकि, यह योजना भी लंबे समय तक नहीं चली.
हरियाणा
लगभग 4 साल पहले अटल किसान-मजदूर कैंटीनें शुरू हुईं
● 10 रुपये में मिलती है थाली
● थाली में रोटी, चावल, दाल, सब्जी
तमिलनाडु
2013 में ‘अम्मा’ कैंटीन शुरू हुईं
● 5 रुपये में मिलती है थाली
● थाली में इडली, सांभर चावल, पोंगल, करी
आंध्र प्रदेश
2018 में अन्ना कैंटीन शुरू हुईं, जिन्हें 2024 में फिर से सक्रिय किया गया
● तीनों समय 5 रुपये में भोजन मिलता है
● थाली में दक्षिण भारतीय नाश्ता, रोटियां, चावल, सब्जी
ओडिशा
2015 में आहार योजना शुरू हुईं
● 5 रुपये में चावल-दाल खाना मिलता है
● थाली में चावल, दाल
कर्नाटक
2017 में इंदिरा कैंटीन शुरू
● 5 से 10 रुपये में थाली मिलती है
● थाली में पोंगल, पुलाव, चावल, सांभर, दही
(इसके अतिरिक्त, कई राज्यों में भी ऐसी योजनाएं संचालित हो रही हैं.)
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