पश्चिमी अफ्रीकी देश माली की सेना ने तख्तापलट की साजिश में 2 सैन्य कर्मियों और एक फ्रांसीसी एजेंट को गिरफ्तार किया है। दोनों सैन्य कर्मी जनरल के पद पर तैनात हैं। माली के सुरक्षा मंत्री जनरल दाउद अली मोहम्मदीन ने गिरफ्तारियों की घोषणा करते हुए कहा कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। उन्होंने विदेशी राज्यों पर देश को अस्थिर करने के प्रयास करने का आरोप लगाया है। बता दें कि माली में सैन्य शासन चल रहा है।
1 अगस्त को शुरू हुई थी देश को अस्थिर करने की साजिश- मंत्री
मोहम्मदीन ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर कहा, “मालिया के सशस्त्र और सुरक्षा बलों के सीमांत तत्वों के एक छोटे समूह को गणतंत्र की संस्थाओं को अस्थिर करने के उद्देश्य से किए गए आपराधिक अपराधों के लिए गिरफ्तार किया गया है।गिरफ्तारी से देश को अस्थिर करने की साजिश नाकाम हो गई है, जो 1 अगस्त को शुरू की गई थी।” उन्होंने कहा कि फ्रांसीसी नागरिक फ्रांसीसी खुफिया सेवा की ओर से काम कर रहा था। इनको विदेशी राज्यों से सहायता प्राप्त थी।
माली में 2020 से लागू है सैन्य शासन
गरीब देशों में शुमार माली में मार्च 2020 में हुए विधायी चुनावों के बाद जनता में रोष उत्पन्न हो गया। जनता और सेना आर्थिक कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार, वेतन को लेकर राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता और प्रधानमंत्री बुबौ सिसे से नाराज थी। इसका फायदा उठाकर कर्नल मलिक दिआव, सादियो कमारा और जनरल चेक फैंटा माडी डेम्बेले ने विद्रोह किया और कीता-सिसे को गिरफ्तार कर लिया। सैन्य शासन (जुंटा) ने नेशनल कमेटी फॉर सैल्वेशन ऑफ द पीपल (CNSP) बनाई और सत्ता हथिया ली।
अभी कर्नल असिमी गोइता हैं राष्ट्रपति
मई 2021 में फिर तख्तापलट हुआ, जिसमें जुंटा शासन मजबूत हुआ। अभी माली जुंटा के नियंत्रण में है, जिसके प्रमुख कर्नल असिमी गोइता हैं। गोइता ने 2021 में खुद को अंतरिम राष्ट्रपति घोषित किया और 2025 में विधेयक पारित कर सैन्य शासन 2029 तक बढ़ाया।
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