आशुतोष तिवारी, रीवा। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बुधवार को रीवा केंद्रीय जेल का माहौल भावनाओं से भर गया। लंबे समय से आजीवन कारावास की सजा काट रहे 18 बंदी शासन के आदेश पर रिहा हुए। जैसे ही वे वर्षों बाद जेल की ऊंची दीवारों से बाहर आए, सामने खड़े अपनों को देखकर उनकी आंखें छलक पड़ीं। किसी ने मां को गले लगाया तो कोई बच्चों को सीने से लगा फूट-फूटकर रो पड़ा।

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जेल अधीक्षक एस.के. उपाध्याय ने बताया कि शासन द्वारा बनाए गए नियमों के तहत अच्छे आचरण वाले बंदियों की रिहाई का प्रस्ताव जिला स्तरीय समिति के समक्ष रखा गया था। समिति की अनुशंसा पर राज्य शासन ने 18 पुरुष बंदियों और एक महिला बंदी की रिहाई का आदेश जारी किया। रिहा किए गए बंदियों में रीवा, सीधी, सिंगरौली और उमरिया जिले के दो-दो, अनूपपुर जिले के एक और शहडोल जिले के नौ बंदी शामिल हैं।

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परिजनों को रिहाई की सूचना पहले ही दे दी गई थी। आज वे उत्साह और उम्मीद के साथ जेल पहुंचे। जैसे ही अपने बंदी को बाहर आते देखा, माहौल खुशियों और आंसुओं से भर गया। स्वतंत्रता दिवस के दिन मिली यह असली आज़ादी बंदियों और उनके परिवारों के लिए जिंदगी का सबसे यादगार पल बन गई।

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