जदगीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के कारण अब खाली पड़े उपराष्ट्रपति के पद के लिए चुनाव होने हैं। सत्तारूढ़ भाजपा के द्वारा फिलहाल किसी नाम का ऐलान नहीं किया गया है। हालांकि हाल के दिनों में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने कई दौर की बैठक की है। हाल ही में एनडीए की एक बैठक के बाद अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के ऊपर छोड़ दिया गया था। इस सबके बीच लंबे समय से अटके पड़े राज्यपालों और उपराज्यपालों के संभावित फेरबदल की योजना भी अब दोबारा गति पकड़ने लगी है।
सूत्रों के मुताबिक, यह बदलाव पहले मॉनसून सत्र और आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव जैसी वजहों से टल गया था। पिछले कुछ दिनों में कई राज्यपाल और उपराज्यपाल भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर चुके हैं। बुधवार को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी। इससे एक दिन पहले, मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल और पूर्व भाजपा सांसद शिव प्रताप शुक्ल ने 29 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मिले।
इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में अंदरूनी सूत्रों के हवाले से कहा है कि जुलाई और अगस्त में करीब एक दर्जन ऐसी मुलाकातें हुई हैं। इनमें गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा जैसी प्रमुख हस्तियां भी शामिल हैं। राजनीतिक हलकों में इन बैठकों को आगामी फेरबदल की तैयारी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है, हालांकि औपचारिक घोषणा अभी बाकी है।
हालांकि इन मुलाकातों के बाद इस बात की भी अटकलें लगाई जाने लगी हैं कि गवर्नर में से ही किसी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया जा सकता है। आपको बता दें कि पिछली बार भी जब भाजपा ने जदगीप धनखड़ के नाम का ऐलान उपराष्ट्रपति पद के लिए किया था तो वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे।
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