Sri Krishna Janmashtami 2025. सनातन संस्कृति के दो दिव्य केन्द्र मथुरा और काशी जिनकी आध्यात्मिक परंपराएं भारत की चेतना में गहराई से रची-बसी हैं, उनके मध्य परस्पर श्रद्धा, समर्पण और सांस्कृतिक आदान-प्रदान का एक अनुपम दृश्य पुनः साकार हुआ. 2024 में श्री कृष्ण जन्माष्टमी से श्री काशी विश्वनाथ धाम से भगवान श्री विश्वनाथ द्वारा श्रीकृष्ण जन्मस्थान, मथुरा में श्री लड्डू गोपाल को उपहार प्रेषित किए जाने और रंगभरी एकादशी पर श्री काशी विश्वनाथ महादेव द्वारा भगवान लड्डू गोपाल को तथा मथुरा से भगवान लड्डू गोपाल द्वारा श्री विश्वेश्वर महादेव को भेंट अर्पित किए जाने की जो नवाचार परंपरा आरंभ की गई थी. उसी श्रृंखला को आगे बढ़ाते हुए श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर एक बार पुनः यह धार्मिक कार्य साकार हुआ.

15 अगस्त, 2025 को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी (Sri Krishna Janmashtami 2025) के पहले दिवस पर भगवान श्री लड्डू गोपाल के लिए विशेष उपहार सामग्री को श्री विश्वेश्वर महादेव के समक्ष विधिपूर्वक पूजित कर भगवान विश्वेश्वर से अवलोकित कराया गया. इसके बाद यह पावन सामग्री श्रीकृष्ण जन्मस्थान, मथुरा के लिए श्रद्धापूर्वक प्रेषित की गई. इस अवसर पर पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यह सांस्कृतिक संप्रेषण संपन्न हुआ, जिसमें मंदिर न्यास के अधिकारियों एवं कार्मिकों की उपस्थिति रही.

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श्रीकृष्ण और भगवान शंकर ये दो प्रमुख आराध्य स्वरूप सनातन धर्म की गूढ़ आध्यात्मिक धाराओं के प्रतिनिधि हैं. उनके मध्य भक्ति, श्रद्धा एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान की यह नवीन पहल न केवल धार्मिक सौहार्द को प्रगाढ़ बनाएगी, बल्कि भारत की तीर्थ परंपरा को भी नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करेगी. मथुरा और काशी दोनों मोक्षदायिनी नगरियां इस आयोजन के माध्यम से परस्पर एक सूत्र में बंधकर समस्त सनातन समाज को एकत्व, संवाद और सहभक्ति का संदेश प्रदान करती हैं.

समस्त अधिकारियों और कार्मिकों द्वारा समारोहपूर्वक भगवान लड्डू गोपाल को समस्त भेंट सामग्री प्रेषित की गई. इस दौरान श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने सभी आस्थावान सनातन श्रद्धालुओं को स्वाधीनता दिवस एवं श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए सभी के कल्याण की कामना की.