नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अवैध लौह अयस्क निर्यात और धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) से जुड़े एक पुराने मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए कांग्रेस विधायक सतीश कृष्णा सैल के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की. कर्नाटक के करवार विधानसभा क्षेत्र से विधायक सैल के कर्नाटक के अलावा गोवा, मुंबई और नई दिल्ली स्थित ठिकानों में एक साथ छापामार कार्रवाई की गई.

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अधिकारियों के अनुसार, इस कार्रवाई में ED ने कुल 6.75 किलो सोना (जिसमें जेवर और गोल्ड बिस्कुट शामिल हैं) जब्त किया. इसके अलावा विधायक के घर से ₹1.41 करोड़ नकद और उनकी एक कंपनी के कार्यालय से ₹27 लाख नकद बरामद हुए. जांच एजेंसी ने विधायक और उनके सहयोगियों के बैंक खातों में जमा ₹14.13 करोड़ की राशि को भी फ्रीज कर दिया.

यह मामला 2010 में कर्नाटक के बेलकेरी पोर्ट से जुड़े एक बड़े अवैध लौह अयस्क निर्यात घोटाले से संबंधित है. बताया जाता है कि वन विभाग द्वारा जब्त लगभग ₹86.78 करोड़ मूल्य के लौह अयस्क को गैरकानूनी तरीके से निर्यात कर दिया गया था. इसमें कई कंपनियां और कारोबारी शामिल थे. ED की दलील है कि इसमें सतीश सैल की कंपनियों की भी अहम भूमिका थी.

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ED ने इस मामले में धनशोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत जांच शुरू की है. एजेंसी का कहना है कि इस अवैध निर्यात से हुई कमाई को वैध दिखाने के लिए विभिन्न खातों और कंपनियों के जरिए लेन-देन किया गया. छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेज़ और डिजिटल डिवाइस की जांच की जा रही है, ताकि पैसों के स्रोत और उसके इस्तेमाल की पूरी जानकारी जुटाई जा सके.

सतीश सैल पहले जनता दल (सेक्युलर) में थे, और बाद में कांग्रेस में शामिल हुए. करवार से वे वर्तमान में विधायक हैं. इस मामले में अभी तक विधायक की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन हर बार की तरह ईडी की यह कार्रवाई राजनीतिक हलकों में बड़े विवाद का कारण बन गई है.