रायपुर। कृष्ण जन्माष्टमी का आनंद प्रदेश के तमाम आईजी ठीक से ले नहीं पाए थे कि डीजीपी अरुण देव गौतम ने इमरजेंसी मीटिंग बुला ली. सुबह-सुबह सभी रेंज आईजी को दोपहर 12 बजे से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए डीजीपी के मीटिंग लेने की सूचना दी गई. डीजीपी के मीटिंग की वजह से छुट्टी की वजह से पहले से ही प्लानिंग बना चुके अधिकारियों को अपना प्रोग्राम कैंसल करना पड़ा.

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जानकारी के अनुसार, डीजीपी अरुण देव गौतम की आईजी के साथ मीटिंग दोपहर 12 से शुरू हुई. इसमें प्रमुख मुद्दा प्रदेश से बढ़ रही चाकूबाजी पर रोक लगाने के प्रयासों को लेकर था. डीजीपी ने चाकूबाजी पर किस तरह से रोक लगेगी इस पर चर्चा कर सभी आईजी को इस पर अमल करने के सख्त निर्देश दिए.

चाकूबाजी के अलावा जनता के बीच पुलिस की प्रभावी मौजूदगी सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए. पुलिस महानिरीक्षकों को निर्देशित किया गया कि उनके रेंज में राजपत्रित अधिकारी भी फील्ड में निकले और जनता के बीच उपस्थिति दर्ज करवाए. इसके साथ बिना परमिट चलने वाली गाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई करने, नशे के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश भी दिए गए.

दरअसल, हाल ही में धमतरी में हुई चाकूबाजी में रायपुर के तीन युवकों के मौत ने पूरे प्रदेश के जनमानस को झकझोर दिया था. इसके अलावा अन्य जिलों से आई चाकूबाजी की घटना से पुलिस को सोचने पर मजबूर कर दिया है.

गली-मोहल्लों के अलावा ई-कॉमर्स साइट से आसानी से चाकू ऑनलाइन मंगवाए जा रहे हैं, जिस पर कोई प्रभावी नियंत्रण पुलिस का नहीं है. इस पर हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लिया है. चाकूबाजी रोकने के लिए क्या प्रयास किया जा रहे हैं इसके लिए बिलासपुर एसपी, बिलासपुर रेंज आईजी के अलावा डीजीपी, होम सेकेट्री और मुख्य सचिव का व्यक्तिगत शपथ पत्र अदालत ने मांगा है.