राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले की कृषि उपज मंडी में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. लगातार हो रही बारिश से मंडी में रखी सैकड़ों क्विंटल दलहन-तिलहन की फसलें भीगकर बर्बाद हो गईं. लाखों रुपए की फसलें खराब होने से किसानों और व्यापारियों में आक्रोश है.

दरअसल, मंडी परिसर में पर्याप्त शेड और चबूतरे की व्यवस्था नहीं है. इसी वजह से मूंग, चना, सरसों, मसूर, सोयाबीन, मक्का, बाजरा, रागी और अरहर जैसी फसलें खुले में पड़ी रहीं. बारिश में इन्हें ढकने या सुरक्षित करने की व्यवस्था भी समय पर नहीं की गई, जिससे बड़ी मात्रा में फसलें भीगकर खराब हो गईं.

व्यापारियों और किसानों का आरोप है कि उन्होंने पहले ही मंडी अधिकारियों को इस समस्या की जानकारी दी थी. उनका कहना है कि मंडी परिसर जलभराव और डुबान क्षेत्र में स्थित है, जहां बारिश के दौरान बोरियों के भीगने की आशंका बनी रहती है. इसके बावजूद मंडी प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया.

व्यापारी चेतन जैन के मुताबिक, “मंडी में लगभग 6500 क्विंटल चना, 6000 क्विंटल सरसों और 7000 क्विंटल मसूर समेत कई महंगी फसलें भीग गई हैं. यह नुकसान लाखों में है और इसके लिए मंडी प्रशासन ही जिम्मेदार है.”

अब किसानों और व्यापारियों की मांग है कि मंडी में पानी की निकासी और पर्याप्त शेड की व्यवस्था की जाए ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न हो.