Krishna Janmashtami 2025: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर घर और मंदिर में धूमधाम से मनाया गया. झूला झुलाने, माखन-मिश्री का भोग लगाने और रात्रि जागरण के बाद दूसरे दिन परंपरागत रूप से नंदोत्सव मनाने की परंपरा है. इस मौके पर एक खास उपाय है, जो शास्त्रों में अचूक माना गया है और लोग आज भी श्रद्धा से इसे करते हैं. मान्यता है कि जन्माष्टमी के अगले दिन सुबह मंदिर या गौशाला जाकर गौमाता को गुड़ और चना खिलाना अत्यंत पुण्यकारी होता है. यह छोटा-सा उपाय न सिर्फ भगवान श्रीकृष्ण को प्रिय है, बल्कि कई जीवन की उलझनों को सुलझाने वाला माना गया है.

पंडितों का कहना है कि जो लोग आर्थिक तंगी, कर्ज या धन की रुकावट से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह उपाय बेहद प्रभावी है. गौ माता को गुड़-चना खिलाने से परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है और लक्ष्मी कृपा बनी रहती है. यही नहीं, यदि घर में बार-बार विवाद या कलह की स्थिति बनती हो तो गौ सेवा करने से माहौल शांत और सौहार्दपूर्ण हो जाता है.

धार्मिक मान्यता यह भी है कि संतान सुख की इच्छा रखने वाले दंपत्ति यदि श्रद्धा भाव से गौमाता को गुड़-चना अर्पित करें, तो उन्हें शीघ्र संतान सुख की प्राप्ति होती है. वहीं, पित्र दोष से पीड़ित जातकों के लिए भी यह उपाय वरदान साबित होता है. माना जाता है कि इससे पूर्वज प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं और जीवन से बाधाएँ दूर होती हैं.

इसके अतिरिक्त, स्वास्थ्य लाभ और व्यवसाय में आ रही अड़चनों से मुक्ति पाने के लिए भी जन्माष्टमी के बाद किया गया यह उपाय लाभकारी सिद्ध होता है.

आचार्य बताते हैं कि इस दिन यदि परिवार सहित मंदिर जाकर “ओम् नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करते हुए गौमाता को गुड़-चना खिलाया जाए, तो भगवान श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं और जीवन में आनंद, सुख-समृद्धि और सफलता का मार्ग खुलता है.